कृषि कानूनों पर कंगना रनावत के बयान से बढ़ा भाजपा का सिरदर्द, बयान वापस

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कंगना रनावत
Photo Source: @KanganaTeam X.com account

कृषि कानूनों को लेकर ताजा बयान पर कंगना रनावत के माफी माँगने के बाद भी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कंगना ने इसके पहले किसान आंदोलन को लेकर भी एक बयान दिया था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें हिदायत भी दी थी।

फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनावत अपने बयानों के कारण एक बार फिर सुर्खियों में हैं। किसान आंदोलन को लेकर बार-बार बयानबाजी करने वाली कंगना रनावत ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया, जिससे पार्टी को किनारा करना पड़ गया और खुद कंगना को अपने बयानों के लिए माफी माँगनी पड़ गयी।

कांग्रेस हुई हमलावर

दरअसल, हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन और किसानों से जुड़े मुद्दे हावी रहे हैं। विपक्ष लगातार इन मुद्दों को उठा कर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहा है। इसी बीच, भाजपा सांसद कंगना रनावत ने वापस लिये गये तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की माँग उठा कर विपक्ष को बैठे-बिठाये एक मुद्दा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कंगना के बयान का हवाला देते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा, “यह है भाजपा की असली सोच। किसानों को कितनी बार धोखा दोगे?”

भाजपा ने बयान से किया किनारा

इसी तरह और भी कई नेताओं की तरफ से बयान आने लगे तो भाजपा ने कंगना रनावत के बयान को उनका निजी बयान बता कर पल्ला झाड़ लिया। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ”सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भाजपा सांसद कंगना रनावत का केंद्र द्वारा वापस लिए गये कृषि बिलों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है। मैं साफ कर देना चाहता हूँ कि यह उनका निजी बयान है। वे भाजपा की तरफ से ऐसे बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि कानूनों पर भाजपा के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है।”

कंगना ने माँगी माफी

इसके बाद, कंगना रनावत को वीडियो संदेश जारी कर अपने बयानों के लिए माफी माँगनी पड़ गयी। कंगना ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा, “कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर कुछ सवाल किये थे, जिस पर मैंने सुझाव दिया था कि किसानों को कृषि कानून वापस लाने का पीएम मोदी से निवेदन करना चाहिए। लेकिन मेरी इस बात से बहुत लोग निराश हैं।”

भाजपा सांसद ने आगे कहा, “जब कृषि कानून लाये गये थे तो बहुत सारे लोगों ने उनका समर्थन किया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने संवेदनशीलता और सहानुभूति दिखाते हुए तीनों कानून वापस ले लिये थे। यह हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे भी यह बात ध्यान रखनी होगी कि मैं अब एक कलाकार नहीं, भाजपा की कार्यकर्ता भी हूँ। अगर मैंने अपने शब्दों से किसी को निराश किया है तो मुझे इसका खेद है। मैं अपने शब्द वापस लेती हूँ।”

किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान

हालाँकि, कंगना के माफी माँगने के बाद भी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कंगना रनावत ने इसके पहले किसान आंदोलन को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें हिदायत भी दी थी। तब कंगना ने कहा था कि किसान आंदोलन के जरिये भारत में बांग्लादेश जैसे हालात बनाने की योजना की गयी थी। उन्होंने कहा था कि हमारा शीर्ष नेतृत्व नहीं होता तो बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी बन गयी होती। किसान आंदोलन के दौरान लाशें लटकी थीं, रेप हो रहे थे। किसानों की लंबी योजना थी।

कंगना के इस बयान पर भी खूब बवाल मचा और हरियाणा चुनाव के बीच ऐसे बयानों से होने वाले नुकसान को भाँपते हुए भाजपा ने उन्हें नीतिगत मामलों में न बोलने की नसीहत भी दे डाली। लेकिन, इसके बाद भी कंगना ने एक बार फिर वापस लिये गये तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने वाला बयान देकर कांग्रेस को भाजपा पर हमला करने का एक नया मौका दे दिया है।

(देश मंथन, 26 सितंबर 2024)

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