मोहक शर्मा, टेलीविजन पत्रकार :
मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक कांग्रेसी नेताओं से लेकर ‘आप’ वाले तक सब के सब आधा सच बता रहे है कि रेल किराया 14% बढ़ा।
लेकिन कोई यह नही बता रहा है कि पहले रेलवे तत्काल के नाम पर जिस तरह लोगों के जेब काटता था, वह बंद कर दिया गया है। अब तत्काल में सिर्फ कन्फर्म टिकट ही मिलेगा और आपको सिर्फ उस स्टेशन तक का ही किराया देना होगा जहाँ तक आप यात्रा करेंगे!
असल में कांग्रेस ने यह गलतफहमी फैलायी थी कि उसने किराया नही बढ़ाया। असल में उसने लोगों को मुर्ख और उल्लू बना कर लूटा। पहले तत्काल में जिस स्टेशन से ट्रेन शुरू होती थी और जिस स्टेशन तक चलती थी, वहाँ तक का पूरा किराया वसूला जाता था। तत्काल में भी वेटिंग टिकट दिये जाते थे और तत्काल में लिये गये टिकट का रिफंड भी नही मिलता था, भले ही आपकी बर्थ कन्फर्म नहीं हुई हो।
अगर आप जोड़ कर देखेंगे तो मोदी सरकार ने तत्काल के नियम बदल कर करीब 24% का लाभ दिया है और यदि किराया 14% बढ़ाया है तो मैं इसे गलत नही मानता हूँ। उदहारण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति बांद्रा मुंबई से फालना का टिकट लेता हैं तो 330 रुपये होते हैं। यदि 14% रेल किराया बढ़ा है तो नया रेल किराया अब 375 होगा, मतलब सिर्फ 45 रुपये आपको ज्यादा चुकाने होंगे।
लेकिन आप सोच भी नहीं सकते कि इस 45 रुपये में आपको क्या-क्या सुविधाएँ देने की कोशिश में है मोदी सरकार! ख्याल करें कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर पहुँचते ही आपको एयरपोर्ट जैसी सुविधा मिलनी शुरू हो जाये, आप ऐसी ट्रेन में सफर कर रहे होंगे जो एकदम साफ सुथरी होंगी। वाईफाई से साथ आप इंटरनेट का आनंद ले सकेंगे। आपकी सीट पर ही पत्रिकाएँ, अखबार वगैरह मिलेंगे, ताकि आपका सफर और आरामदायक हो। आपकी सुरक्षा के लिए बॉगी में हरदम सुरक्षा गार्ड तैनात होगा। हर बॉगी में सीसीटीवी लगे होंगे, आपका सामान कोई चोरी नहीं कर पायेगा!
और तो और, ई-टिकट के लिए 100 करोड़ रुपये के खर्च से एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार हो रहा है, ताकि आप अपने मोबाइल से झट से टिकट निकाल सकें। आपके सिर्फ 45 रुपया देने से लाखों लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा! आप खुद ही सोचें कि 45 रुपये ज्यादा देकर ये सब सुविधाएँ उठायेंगे! हर काम में थोडा वक्त लगता है, सकारात्मक रहना जरूरी है।
(देश मंथन, 21 जून 2014)