आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
मुलायम सिंह ने कह दिया कि नितीश और लालू ने उन्हे धोखा दिया। पहले मुलायम दोनों को साथ लेकर आये, फिर दोनों ने साथ-साथ मुलायम सिंह को बाहर कर दिया।
नितीशजी, लालूजी, मुलायमजी के जनता परिवार का विलय दरअसल एक घटना नहीं है, एक प्रक्रिया है, जो कई दशकों से चल ही रही है। प्रक्रिया है, चलती ही रहेगी, घटना नहीं ना है कि घटी और सीन से हटी।
जनता परिवार के एक मित्र नेता को मैंने सुझाव दिया कि फजीहत से बचने के लिए आप यह कह दें कि जनता परिवार का विलय हो गया, वाई-फाई विलय। जैसे वाई-फाई ना दिखता, वैसे ही विलय अभी दिखायी ना दे रहा है। पर वाई-फाई की तरह से समझिये कि यह है। कोई पूछे कि वाई-फाई तो कनेक्ट भी हो जाता है, उसके रिजल्ट भी देखे जा सकते हैं। तो इसका जवाब यह है कि कई बार वाई-फाई कनेक्ट ना होता, नेटवर्क स्लो होता है या होता ही नहीं है।
जनता परिवार में अधिकांश टाइम नेटवर्क होता ही नहीं है, यह बात सच होने के बावजूद यह कहना तो बनता ही है-वाई-फाई विलय में अभी नेटवर्क नहीं है, प्लीज समझें।
नेटवर्क कब आयेगा, कोई भी समझदार बंदा यह सवाल पूछेगा ही नहीं।
वाई-फाई विलय की बात कहके जनता परिवार खुद को टैक-सैवी, मार्डन साबित कर सकता है।
वाई-फाई से बहुत समस्याएँ हल हो रही हैं।
यूपी में गायब बिजली से पब्लिक नाराज हो रखी है, उद्योगपति कहते हैं कि इस वजह से राज्य पिछड़ता जा रहा है। मैंने एक सरकारी इंजीनियर को सुझाव दिया- यूपी में बिजली के सारे तारों को एक झटके में कटवा दो, और बोलो कि हम हाई-फाई हो गये हैं, बिजली वाई-फाई हो गयी है। पहले बिजली तारों के जरिये नहीं आती थी, अब वायर-लैस नहीं आती है। पहले तार होते हुए गायब होती थी, बिजली। अब वाई-फाई तरीके से गायब है।
खैर एक दोस्त ने यह सुनाया, समझ ना पाया कि इसे चुटकुला मानूँ या नहीं-
बंदे ने भगवान से पूछा- सर यूपी बिहार में 24×7 बिजली कब तक आने लगेगी।
भगवान ने हँसते हुए कहा-तुम अपने इसी जन्म में यह देख लोगे।
बंदे ने और लिबर्टी लेकर पूछा-सर ये तमाम तरह की जनताओं के परिवार का विलय कब तक हो जायेगा।
भगवान ने उदास होते हुए कहा-ये मैं भी अपने इस जन्म में तो क्या, कई जन्मों तक ना देख पाऊँगा।
(देश मंथन, 12 अक्तूबर 2015)