Monday, August 25, 2025

देश मंथन डेस्क

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इस ‘ड्रमेटिक्स’ से आगे देखिए!

कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार 

देश में बहुत कुछ हो रहा है। मोदी सरकार के एक साल पूरे होने वाले हैं। बड़ी तीखी बहस हो रही है इस पर।

“देंगे वही, जो पायेंगे इस जिन्दगी से हम!”

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

कई लोगों ने अनुरोध किया है कि मुझे त्रेता और द्वापर युग से निकल कर 21वीं सदी की बातें लिखनी चाहिए। मुझे प्यार मुहब्बत की कहानियाँ लिखनी चाहिए।

शनिवार वाडा : कभी शानदार किला था, अब यहाँ डर लगता है

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

पुणे शहर का शनिवार वाडा। पुराने पुणे शहर के बीचों बीच स्थित शनिवार वाडा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर देश के संरक्षित स्मारकों में से एक है।

सोशल मीडिया @ सलमान खान

सुशांत झा, पत्रकार :

सलमान प्रकरण में सबसे अच्छी बात ये हुई है कि पब्लिक की निष्पक्ष और त्वरित न्याय पाने की व्यग्रता अपने विराट रूप में प्रकट हुई है।

कौन हैं जो मोदी को विफल करना चाहते हैं?

 

 

 

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय  :

क्या सच में नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का जादू टूट रहा है? अगर टूट रहा है तो वो कौन है, जिसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा है? वे कौन लोग हैं जो पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई देश की पहली राष्ट्रवादी सरकार को मार्ग से भटकाना चाहते हैं? जाहिर तौर पर सवाल कई हैं पर उनके उत्तर नदारद हैं।

खुशियों का संसार सच और विनम्रता से ही मिलता है

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

ऐसा जिन्दगी में बहुत बार होता है कि हम बदला किसी से लेते हैं, बदला किसी और से हो जाता है।

उस दिन अगर रानी कैकेयी की दासी मन्थरा अगर महल की छत पर नहीं गई होती तो त्रेतायुग का पूरा इतिहास आज अलग होता।

मन्थरा अयोध्या के राजा दशरथ की सबसे छोटी और दुलारी रानी कैकेयी के मायके से उनके साथ आयी थी।

ओझर के विघ्नहर गणपति (अष्टविनायक)

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

महाराष्ट्र के अष्ट विनायक मन्दिर में सबसे लोकप्रिय मन्दिरों में है ओझर के गणपति।

ट्रांसफार्मर, प्लीज कम सून

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :

क्षमा करें इन दिनों चिन्तन सिर्फ ट्रांसफार्मर पर हो पा रहा है। और किसी भी तरह के चिन्तन के लिए मोहल्ले के ट्रांसफार्मर को ठीक-ठाक कार्यरत रहना जरूरी है, जिससे आपके घर की बिजली सप्लाई होती हो।

गलती चाहे जिससे हो, सजा मिलती ही है

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

"हे राम! मैं प्रचेता का दसवाँ पुत्र रत्नाकर, जिसने ‘मरा-मरा’ जपने में खुद को भुला दिया और जिसके शरीर को चीटिंयों ने बांबी समझ कर अपना परिवार बसा लिया, जिसे उन बांबियों की बदौलत वाल्मिकी नाम मिला है, वो आपके सामने हाथ जोड़े खड़ा है।

हे राम! मेरे पिता वशिष्ठ, नारद और भृगु के भाई हैं।

हमने बनाया नायक को खलनायक!!

अजय अनुराग :

सलमान खान को सजा की खबर ने उनके सभी फैंस को दुःखी कर दिया। पहले संजय और अब सलमान।