Friday, August 22, 2025

देश मंथन डेस्क

1260 पोस्ट0 टिप्पणी

नहीं संभले तो मिट जायेंगे

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

शनिवार को भूकंप के झटके ने नेपाल में बड़े पैमाने पर तबाही मचायी। हजारों भवन ध्वस्त हो गये और 4,700 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस भूकंप के झटके को पूरे उत्तर भारत में और सबसे ज्यादा बिहार में महसूस किया गया। बिहार में तीस से ज्यादा लोग मारे गये।

हर कर्म का प्रतिफल मिलता है

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

मैंने कल लिखा था कि अगर मुझे किसी ने याद दिलाने की कोशिश की तो मैं हिटलर की उस कहानी का जिक्र जरूर करूंगा, जिसमें एक फौजी अफसर का बेटा कैसे अपने पिता के बनाए नर्क में फंस जाता है और फिल्म खत्म होने के कई महीनों बाद तक मेरी नाक में आदमी के जलने की दुर्गंध छोड़ जाता है।

माथेरन में कोई डीजल वाहन नहीं चलता

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 8 अप्रैल 2015 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

‘डांस आँफ डेमोक्रेसी’ में एक गजेन्द्र!

कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार 

यह ‘डांस आँफ डेमोक्रेसी’ है! लोकतंत्र का नाच! राजस्थान के किसान गजेन्द्र सिंह कल्याणवत की मौत के बाद जो हुआ, जो हो रहा है, उसे और क्या कहेंगे? यह राजनीति का नंगा नाच है।

ऊधमी छोकरा, षोडशी सुंदरी और गैंडा

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :

लंबे समय से व्यंग्य लिखते हुए एक अनुभव आया कि फेसबुक, ट्विटर पर छपे व्यंग्य पर हासिल प्रतिक्रियाएँ त्वरित और कई बार असंतुलित होती हैं।

थ्रिल जिंदगी में तलाश करें, मौत में नहीं

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

 “कुछ हिल रहा है। लग रहा है चक्कर आ रहा है। अरे ये देखो ऊपर लटका पंखा भी हिल रहा है। हाँ, हाँ दीवार पर टंगी फोटो भी हिल रही है। भागो, भूकम्प आया है।” हमारे देश में भूकम्प का इतना अनुभव सबके पास है। उसके बाद शुरू होता है टीवी पर खबरों का खेल। पानी की हिलती हुई बोतल, हिलता हुआ पंखा, भागते हुए लोगों को दिखाने की होड़ मच जाती है। कुछ देर में हमारे पास भूकम्प से जुड़ी तस्वीरें आने लगती हैं और हम दिखाने लगते हैं, गिरी हुई इमारतें, उसमें फंसे हुए लोग, मलबों में दबे हुए लोग, चीख-पुकार, करुण-क्रंदन। 

कल नेपाल और भारत में भूकम्प से धरती हिली। वही सब हुआ, जिसे मैंने बयाँ किया है।

पंद्रह साल पहले गुजरात में ऐसा ही भूकम्प आया था। तब मैं जी न्यूज में रिपोर्टर था।

शिव का बारहवाँ ज्योतिर्लिंग घुश्मेश्वर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

महाराष्ट्र में औरंगाबाद के समीप ही प्रसिद्ध घृष्णेश्वर मंदिर है जो 12 ज्योतिर्लिगों में से एक है। शिव के ज्योर्तिलिंगों की सूची में ये 12वाँ और आखिरी है।

गरीब रथ की गरीब गाथा

संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन :

बहुत दिनों बाद एक शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली से भागलुपर जाना तय हुआ तो रिजर्वेशन कराते हुए मैंने पाया कि यात्रा पूरी करने में सबसे कम समय गरीब रथ लगाती है।

गेहूँ की फसल कम होगी, लेकिन वोटों की खेती लहलहायेगी

संजय सिन्हा, आज तक :

मेरी माँ किसान नहीं थी, लेकिन जिस साल अप्रैल के महीने में आसमान में काले-काले बादल छाते और ओले बरसते माँ सिहर उठती थी।

रिश्तों को बचाने की जिम्मेदारी हमारी

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

बहुत साल पहले गाँव के मुकुंद चाचा की शादी में गया था। पूरा गाँव नाच रहा था। पूरा गाँव क्या, मैं भी नाच रहा था।

पूरा गाँव सज-धज कर बाराती बन कर उस गाँव से दूसरे गाँव गया था। दूसरे गाँव वालों ने बारातियों का स्वागत नमकीन भुजिया और नींबू के शर्बत से किया था।