Thursday, October 30, 2025

राजीव रंजन झा

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यात्रियों को लूटने के और भी तरीके हैं प्रभु जी

संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन : 

प्लेटफॉर्म टिकट जब 30 पैसे का आता था, तब से ले कर अब, जब यह 10 रुपये में मिलेगा तब तक - बिहार के छोटे-बड़े स्टेशनों से लेकर दिल्ली, मुंबई,कोलकाता,चेन्नई सब जगह देख चुका हूँ

हंगामा है क्यूँ बरपा, आखिर कहा क्या शरद यादव ने!

गुरुवार शाम को राज्य सभा में बीमा विधेयक पर चर्चा के दौरान जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव अचानक लोगों के रंग-रूप की चर्चा करने लगे।

मनमोहन सिंह पर क्या है आरोप?

परंजय गुहा ठाकुरता, वरिष्ठ पत्रकार :  यह प्रमाणित करना इतना आसान नहीं होगा कि कोयला घोटाले के षडयंत्र में भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल...

जेटली के बजट पर असीम उम्मीदों का बोझ

राजीव रंजन झा : 

बजट चाहे देश का हो या एक आम आदमी के घर का, वह हमेशा संतुलन बनाने का खेल होता है। असीम जरूरतों का संतुलन उपलब्ध संसाधनों के साथ।

रेल यात्री नहीं देख रहे कोई बदलाव

राजेश रपरिया : 

रेल मंत्री सुरेश प्रभु की नींद आजकल उड़ी हुई है। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह कहते हैं कि केवल पेट्रोल डीजल के दामों में आयी गिरावट से हर परिवार को डेढ़ हजार से साढ़े चार हजार रुपये तक की बचत हुई है।

केजरीवाल अगर ऐसे सरकार चलायें, तो….?

क़मर वहीद नक़वी : 

आम आदमी गजब चीज है! किसी को भनक तक नहीं लगने देता कि वह क्या करने जा रहा है। वरना किसे अंदाज था कि सिर्फ नौ महीनों में ही दिल्ली घर घर मोदी से घर घर मफलर में बदल जायेगी!

रॉन्ग नंबर पर हैप्पी वैलेंटाइन डे

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

"हैलो रोमियो। आज वैलेंटाइन डे है, प्यार करने की तारीख। तुमने मुझे अभी तक विश नहीं किया। दुनिया तुम्हें प्यार के मसीहा के रूप में जानती है, और तुम इस वक्त सो रहे हो।" 

मोदी मंत्रिमंडल और संघ के लिए भारी केजरीवाल!

राजेश रपरिया :

दिल्ली विधानसभा के चुनावी सर्वेक्षणों में खारिज अरविंद केजरीवाल ‘विजेता’ बन कर उभरे हैं। इन सर्वेक्षणों में केजरीवाल के पक्ष में मतदाताओं का रुझान बढ़ रहा है।

तिरंगे को सलामी पर बेवजह विवाद

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने की बजाय महज सावधान की मुद्रा में खड़े रहने पर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया।

उम्मीदों के बोझ से दबे हैं मोदी और ओबामा

राजेश रपरिया :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उम्मीदों के भारी बोझ से दबे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति दिल्ली पहुँच चुके हैं। नाभिकीय, ट्रांसफर प्राइसिंग, रक्षा वैदेशिक व्यापार संबध, जलवायु परिवर्तन आदि मुद्दों पर सार्थक पहल की उम्मीद दोनों देशों को है।