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भ्रष्टाचार के विरुद्ध पहला कदम

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने काम-काज की शुरुआत में जिस मुस्तैदी और मौलिकता का परिचय दिया है, उससे बहुत आशाएँ बंध रही हैं। दक्षेस-राष्ट्रों का सम्मेलन, काले धन के लिए जाँच दल, रेल दुर्धटना पर रेल मंत्री को दौड़ाना, हेरात के हमले पर सीधी बात करना आदि वे कदम हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि मोदी सरकार कई बड़े चमत्कारी काम कर सकती हैं।
क्या जेटली लायेंगे अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन!

राजीव रंजन झा :
भारत के वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली के पहले बयान की यह पंक्ति लोगों में भरोसा जगाती है कि “हमें विकास की गति को फिर से तेज करना है, महँगाई पर नियंत्रण करना है और सरकारी घाटे पर भी स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित करना है।”
भारत-पाक जुगलबंदी

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी का शपथ-समारोह जितना सफल और सार्थक रहा, अब से पहले किसी भी प्रधानमंत्री का नहीं रहा। मंत्रिमंडल के निर्माण पर तो मैं कल लिख ही चुका हूँ लेकिन मुझे डर था कि दक्षेस राष्ट्रों के नेताओं के आगमन पर कोई अप्रिय घटना न हो जाये। इसीलिए जैसे ही मियां नवाज शरीफ दिल्ली पहुँचे, टीवी चैनलों ने कहना शुरू कर दिया कि वे शपथ-समारोह के पहले ही पत्रकार-परिषद करने की अनुमति चाहते हैं।
शपथः कुछ दूसरे पहलू

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का यह ऐतिहासिक दिन है, जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके मंत्रिमंडल ने भी। इस मंत्रिमंडल में उनके संसदीय दल का लगभग सही प्रतिनिधित्व हुआ है लेकिन फिर भी मोटी-मोटी कुछ कमियाँ भी दिखायी पड़ती हैं।
बच्चों की इच्छा बनाम खलनायक पिताजी

विकास मिश्रा, आजतक :
आठवीं या नौवीं में पढ़ रहा था। पिता जी के साथ शहर के बाजार में गये। मेरा मन एक चश्मे पर आ गया। मैंने खरीदने की जिद की, पिताजी ने मना कर दिया। मेरा ख्याल था कि चश्मा पहनकर हीरो लगूँगा।
मोदी से सहयोगी दलों की आस

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी को लोक सभा में अपने बूते पर बहुमत है। जबकि सहयोगियों के साथ उसकी संख्या 336 है। बीजेपी के अलावा एनडीए की ऐसी ग्यारह पार्टियाँ और हैं जिन्होंने लोक सभा में सीटें जीती हैं। इनमें शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी की संख्या दहाई में है।
दक्षेस-राष्ट्रों को निमंत्रण

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ-समारोह में दक्षेस-राष्ट्रों के नेताओं को आमंत्रित करके पड़ौसी देशों को मैत्री का नया संदेश दिया है। भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने अब से पहले ऐसी पहल नहीं की है।
मोदी खुद लायें अपना लाल किला

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
जाते-जाते यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री के ट्विटर एकाउंट को लपेट कर ले जाने की कोशिश की, संदेश साफ था - नये वाले पीएम अपना एकाउंट नया बनायें।
जनता के सारे भरम तोड़ डाले केजरीवाल ने

अभिरंजन कुमार :
केजरीवाल की बीमारी सिर्फ यह नहीं है कि वे खुद को छोड़ कर बाकी सबको चोर, बेईमान, भ्रष्ट मानते हैं, बल्कि उनकी बीमारी यह भी है कि वे खुद को छोड़ कर बाकी सबको मूर्ख, बेवकूफ और अनपढ़ भी मानते हैं।
कोई नहीं कर सकता संपूर्ण सच का सामना

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
जितनी बार मेरी मुलाकात राजीव खंडेलवाल से होती है, मुझे लगता है कि आदमी को कभी न कभी 'सच का सामना' करना ही चाहिए। राजीव की पहचान टीवी शो 'सच का सामना' से बनी थी, और फिर उनकी एक दो फिल्में भी आयीं।