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अब राहुल बचाओ!

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
कांग्रेस खुद को तो बचा न सकी। अब वह राहुल को बचाने में लगी हुई है। सोनिया गांधी के दरबारी सलाहकार, जिन्हें हम ‘बड़े नेता’ कहें तो उन्हें अच्छा लगता है, वे इकट्ठे होकर सोच रहे हैं कि अब क्या करें?
कैसी होगी मोदी सरकार?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
वोटों की गिनती 16 मई को सुबह शुरू होगी और दोपहर तक तस्वीर साफ हो जायेगी कि किसकी सरकार बनेगी। अगर जनमत सर्वेक्षणों और एक्जिट पोल के रूझान परिणाम में बदलते हैं, तो नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार बन सकती है।
मतदान के अंदाजी घोड़े

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
मतदान के अंदाजी घोड़े अभी से दौड़ने शुरू हो गये हैँ। नरेंद्र मोदी को अपना दुश्मन मानने वाले टीवी चैनल भी यह कहने को मजबूर हो गये हैं कि भाजपा को कम से कम 250 सीटें तो मिलेंगी ही।
एनडीए रोकेगा भ्रष्टाचार और सरकारी घाटा

पीयूष गोयल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और राज्य सभा सांसद, भाजपा :
यूपीए सरकार महँगाई दर घटाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाती है, जबकि हमारा कहना है कि महँगाई दर और ब्याज दर दोनों में कमी आ सकती है अगर आपूर्ति के पक्ष पर ध्यान दिया जाये। वे पहले भ्रष्टाचार करते हैं, उसके बाद ढिंढोरा पीटते हैं कि हम उसको रोकेंगे।
मोदी विरोध का विकल्प मोदी

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
सोलह मई को मतगणना होने वाली है। अभी से सरकार को लेकर क़यास लगा रहे होंगे। यह एक सामान्य और स्वाभाविक लोकतांत्रिक उत्सुकता है।
हम सब एक हैं बस टीवी में नहीं हैं

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
मीडिया में जो चुनाव दिखता है वो चुनाव की हक़ीकत के बहुत करीब नहीं होता। हम तक जो पहुँचता है या परोसा जाता है वो मीडिया के पीछे होने वाली गतिविधियों का दशांश भी नहीं होता। जो सवाल होते हैं वो हवाई होते हैं और जो जवाब होते हैं वो करिश्माई।
बनारस क्लब

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
बनारस क्लब गया था। डाक्टर नमित, शिप्रा और बालक शुभम के साथ। शानदार शाम रही। 1848 का यह क्लब है।
मोदी और अनुप्रिया पटेल

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
पूरे वाराणसी में भाजपा की दो ही प्रकार की होर्डिंग लगी है। एक में भाजपा बनारस और गंगा को लेकर नारे लिखे हैं और दूसरे में इन्हीं बातों को लेकर नरेंद्र मोदी की तस्वीरें हैं। सिर्फ मोदी की तस्वीरें। लेकिन पटेलों के इलाक़े में बीजेपी का प्रचार कवर मुझे ये पर्चा दिखा।
सियासत की गलियों से अलविदा हो जायेंगे मनमोहन?

विकास मिश्रा, आजतक :
मनमोहन सिंह अब कभी किसी सियासी मंच पर नजर नहीं आयेंगे। नेपथ्य से निकलकर अचानक सियासत के मंच पर आये थे और देश के सबसे बड़े पद तक पहुँचे।
सत्ता को याद नहीं जानकी नवमी

सुशांत झा, स्वतंत्र पत्रकार :
आज जानकी नवमी है यानी सीता का जन्मदिन। जातीय स्मृति में यह दिन भले ही पौराणिक काल से रहा हो, लेकिन (सत्ता) व्यवस्था उसे भूल जाना चाहती है। किसी बड़े नेता का कोई शुभकामना संदेश नहीं आया - शायद नरेंद्र मोदी का भी नहीं!