Friday, August 22, 2025

Sam

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बन जाने दीजिए ना मोदी को प्रधानमंत्री !

नदीम एस. अख्तर, शिक्षक, आईआईएमसी :

नरेंद्र मोदी के पीएम बनने पर इतनी हाय-तौबा क्यों??!! बन जाने दीजिए ना प्रधानमंत्री। ये जरूरी है।

अलाउड नहीं है…

सोनम झा :

बस चल रही थी टी.आर.वन ये बैरागढ़ के पहले से आती है और शायद आकृति से दूर तक जाती है मुझे ठीक से नहीं पता। यह भोपाल शहर की खासियत है कि यहाँ कोई भी सवारी हो जल्दी से एक जगह से दूसरी जगह पहुँच जाती हैं और जबसे पिछले चार सालों से ये लाल बसे भोपाल की सड़कों पर सरपट दौरने लगी हैं तब से भोपाल शहर की तो रौनक हीं बढ़ गयी है।

दिल्ली वाया पूर्वांचल

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :

भीड़ पचास हजार थी, एक लाख या तीन लाख? लोग स्थानीय थे या बाहरी? लोग आये थे या लाये गये थे? इन तमाम सवालों पर लोग अपनी-अपनी आस्था, विश्वास और विचारधारा के हिसाब से चाहे बहस करते रहें।

बीजेपी-मुलायम ही सही मायने में मिले हुए

विकास मिश्रा, आजतक :

बात 1990 की है। इलाहाबाद के सलोरी मुहल्ले में सालाना उर्स था मजार पर। बहुत मजा आ रहा था। कव्वाल झूम झूमकर गा रहे थे।

क्या वाकई इकतरफा चुनाव होगा बनारस में?

पीयूष श्रीवास्तव, पत्रकार :

भगवा टोपी, सफेद टोपी, लाल टोपी... जिधर देखो टोपी ही टोपी। न टोपी पहनने वालों की कमी, न ही टोपी पहनाने वालों की कमी। हालत यह है कि जिसे देखो वही टोपी पहनने की होड़ में है।

सिर्फ घाट नहीं है बनारस

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :

इस शहर को देखने के लिए लगता है एक ही चश्मा बना है। इस चश्मे से बनारस के घाट दिखते हैं, प्रदूषित और मरनासन्न गंगा जी दिखती है।

‘बेटा बन गया, मुझे भी कुछ बनाओ’

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कल आजमगढ़ से भी पर्चा भर दिया। वो मैनपुरी से भी चुनाव लड़ रहे हैं।

तो अच्छे दिन ऐसे आयेंगे…

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :

सोने का पिंजरा बनाने के विकास मॉडल को सलाम ..

एक ने देश को लूटा, दूसरा देश को लूटने नहीं देगा। एक ने विकास को जमीन पर पहुँचाया। दूसरा सिर्फ विकास की मार्केटिंग कर रहा है।

नरेंद्र मोदी की निर्भीकता

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :

चुनाव-अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी जितनी निर्भीकता दिखा रहे हैं, शायद आज तक किसी पार्टी अध्यक्ष या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने नहीं दिखायी।

एवरेस्ट के नीचे बसपा

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :

"एक बार आप माउंट एवरेस्ट पर पहुँच जाते हैं तो उसके बाद उतरने का ही रास्ता रह जाता है।" यूपी में 2012 के विधान सभा चुनावों से पहले बसपा पर नजर रखने वाले उस मित्र की बात याद आ रही है।