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मोदी, मुसलमान और मधु किश्वर के मधुर किस्से

संजय तिवारी, संपादक, विस्फोट :
सात रेसकोर्स रोड के चौराहे पर अकबर रोड पर दो घर बिल्कुल आमने-सामने हैं।
रंग बदलते नेता

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
चुनावी मौसम में नेताओं के असली रंग दिखते हैं। ये मेंढक की तरह एक पार्टी से दूसरी पार्टी में कूदते हैं।
बड़ी-बड़ी उम्मीदें हैं मोदी की बड़ी चुनौती

क़मर वहीद नक़वी, संपादकीय निदेशक, इंडिया टीवी :
सरकार किस दल की नहीं, बल्कि कैसी बनती है, इस पर निर्भर करेगा कि वह क्या काम कर पाती है।
2014 के चुनावी लोकतंत्र में फर्जी वोटर का तंत्र

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
2014 के आम चुनाव में उतने ही नये युवा वोटर जुड़ गये हैं, जितने वोटरों ने देश के पहले आम चुनाव में वोट डाला था।
भाजपा के बड़े मुद्दे हैं सुशासन और विकास

नरेंद्र तनेजा, संयोजक (ऊर्जा प्रकोष्ठ), भाजपा :
यह चुनाव सिर्फ सुशासन और विकास के मुद्दों पर लड़ा जा रहा है, इसलिए सत्ता में आने पर भाजपा को बेहतर प्रदर्शन करके दिखाना होगा।
जनादेश के जश्न से पहले कद्दावर नेताओं की तिकड़म

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
1977 में देश की सबसे कद्दावर नेता इंदिरा गांधी को राजनारायण ने जब हराया तो देश में पहली बार मैसेज यही गया कि जनता ने इंदिरा को हरा दिया।
राहुल-सोनिया को बीजेपी की चुनौती

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
तो आखिरकार बीजेपी ने अमेठी और रायबरेली से अपने उम्मीदवारों के नामों का ऎलान कर ही दिया।
मुल्ला मुलायम और सलीम योगेंद्र यादव में फर्क क्या?

विकास मिश्रा, आजतक :
योगेंद्र यादव आम आदमी पार्टी के नेता हैं, बोलते हैं तो जुबां से मिसरी झरती है।
संघ की नाल पर कमलमुख मोदी

कनक तिवारी, राजनीतिक विश्लेषक :
आसन्न लोकसभा चुनाव में भाजपाई सेंसेक्स उछाल पर है। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए संघ परिवार ने कई गुणात्मक परिवर्तन कर अपने ही सिद्धांतों से छुट्टी कर ली है।
मोदी या फिर कोई नहीं

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
लोक सभा चुनाव के लिए पहला वोट डलने में अभी ग्यारह दिन बाकी हैं और नतीजे 16 मई को आयेंगे।