Tuesday, November 19, 2024

Sam

234 पोस्ट0 टिप्पणी
http://deshmanthan.in

अदालतों से अंग्रेजी हटे

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक : 

भारत को आजाद हुए 67 साल हो गये लेकिन हमारी न्याय-व्यवस्था अभी भी गुलामी की शिकार है। एक वकील ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और उसमें माँग की है कि सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों में अब राजभाषा हिंदी का प्रयोग होना चाहिए।

लोहा मंडी यानी मंडी गोबिंद गढ़

विद्युत प्रकाश :

(पहियों पर जिंदगी 15) 

13 अक्तूबर 1993 – दोपहर के भोजन के बाद हमारी ट्रेन नंगल से आगे बढ़ गयी। ट्रेन दिन में एक शहर से दूसरे शहर का सफर कम ही करती है। पर आज थोड़ी सी यात्रा दिन में ही है।

बिहारी नेताओं का वाग्विनोद

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक : 

भारत की राजनीति में नेता लोग एक दूसरे पर इतने तीखे और भद्दे प्रहार करते हैं कि टीवी देखने वालों और अखबार पढ़ने वाले करोड़ों लोगों का मजा किरकिरा हो जाता है।

सीतापट के दलितों पर जुल्म

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :

इंदौर से लगे हुए शहर महू के पास एक गाँव है, जिसका नाम है- सीतापट! इस गाँव में कुल एक हजार लोग रहते हैं। इनमें से आठ सौ उच्च जाति के हैं और 200 दलित!

आओ चलें पिंजौर

विद्युत प्रकाश : 

(पहियों पर जिंदगी 13) 

12 अक्तूबर 1993 - चंडीगढ़ के अखबारों में सदभावना यात्रा की बड़ी बड़ी खबरें और तस्वीरें छप रही हैं। पंजाब केसरी, ट्रिब्यून जैसे अखबारों के अलावा खासकर एक्सप्रेस न्यूज लाइन में आधे पेज से ज्यादा की कवरेज है।

अभी जिंदा हैं बदलाव की संभावनाएँ!

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ की जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इसी तरह की उम्मीद देश को थी। दरअसल प्रभु वर्ग जरुरी फैसले कम लोकप्रिय फैसले ज्यादा लेता है।

चंबल की जीवनधारा है श्योपुर पैसेंजर ट्रेन

विद्युत प्रकाश :

ग्वालियर से श्योपुर के बीच चलने वाली ये छोटी लाइन की ट्रेन इलाके लोगों की जीवन धारा है। ग्वालियर से चल कर 28 स्टेशनों से होकर गुजरने वाली ये ट्रेन इलाके 250 से ज्यादा गाँवों के लिए लाइफ लाइन है।

बिहार और भ्रष्टाचार की ट्रिकल डाउन थ्योरी

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का सार्वजनिक रूप से ये खुलासा कि जब वो मंत्री थे उन्हें बिजली बिल कम करवाने के लिए पाँच हजार रुपये की रिश्वत देनी पड़ी और उनकी यह स्वीकारोक्ति कि नीतीश कुमार के राज में विकास से ज्यादा रफ्तार से भ्रष्टाचार बढ़ा है, कई बड़े सवाल व्यवस्था को लेकर खड़ा करता है।

मोदी की भावना को समझें

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह-कारगिल में जो कुछ कहा, उसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने भारत-पाक मैत्री के विरुद्ध शंखनाद कर दिया है। यह हो सकता है कि उनके बयान पर पाकिस्तान की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया हो।

मोहन भागवत की चेतावनी

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक श्री मोहन भागवत ने कल भुवनेश्वर में जो कहा, वह सच तो है ही लेकिन वह एक चेतावनी भी है। इसका बड़ा महत्व है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के पीछे असली ताकत संघ के स्वयंसेवकों की ही है।