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मोदी या केजरी, किसे पारस साबित करेगा बनारस?
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
खाक भी जिस जमी की पारस है, शहर मशहूर यह बनारस है। तो क्या बनारस पहली बार उस राजीनिति को नया जीवन देगा जिस पर से लोकतंत्र के सरमायेदारों का भी भरोसा डिगने लगा है।
क्यों बरसे मोदी केजरीवाल पर?
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले चाँदनी चौक पर नरेंद्र मोदी ने की थी एक जनसभा।
बस औपचारिकता निभाने के लिए जारी कांग्रेसी घोषणा-पत्र
राजीव रंजन झा :
कल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा-पत्र पेश किया, जिसके बारे में ज्यादातर टिप्पणियाँ अनुत्साही ही मिलीं।
जंग नहीं जनतंत्र है
अनिल सौमित्र, स्वतंत्र पत्रकार :
16वीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह न युद्ध है और ना ही किसी पार्टी के लिए अंतिम है।
तारे जमीं पर
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
हर चुनाव की तरह इस बार भी राजनीतिक पार्टियों ने फिल्मी सितारों और बड़े क्रिकेट खिलाड़ियों को चुनाव मैदान में उतारा है।
राजनाथ की तस्वीर से बढ़ी अटकलबाजी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गयी दो तस्वीरों ने आज राजनीतिक अटकलबाजियों को बढ़ा दिया।
नवाजुद्दीन पर क्यों भड़क गये ऋषि कपूर?
ऋषि कपूर ने हाल में एक इंटरव्यू में नवाजुद्दीन सिद्दिकी को खूब खरी-खोटी सुना दी। इस पर फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज ने आज फेसबुक और अपने ब्लॉग चवन्नी चैप पर नवाजुद्दीन का पक्ष लेते हुए ऋषि कपूर पर नस्लवादी रवैया अपनाने का आरोप लगा दिया है।
अवसरवाद और परिवारवाद के बीच जनतंत्र
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
भारतीय समाज में हो रहे तमाम सकारात्मक बदलावों के बावजूद हमारी राजनीति और राजनीतिक दल इससे मुक्त दिखते हैं।
ई बनारस हव…
सौमित्र रॉय, स्वतंत्र पत्रकार :
साल 2015 भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ‘देश सेवा’ से कुछ पल चुराकर अपने आरामगाह में लेटे थे।
अमित शाह की अग्निपरीक्षा
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बात तब की है जब नितिन गडकरी बीजेपी अध्यक्ष थे और उनका फिर अध्यक्ष बनना करीब-करीब तय था।