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यूपी में डगमगाती बीजेपी की नैय्या
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
हर चुनाव से पहले देश के सबसे राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर बढ़-चढ़ कर दावे किए जाते हैं।
‘कम बोला, काम बोला’ वाक़ई?
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
कांग्रेस में चुनाव से पहले अजीब होड़ लगी है।
पवार कभी गरम कभी नरम
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
देश के सबसे खांटी राजनेताओं में से हैं शरद पवार। उनके मन की थाह पाना असंभव है।
अरविन्द एक बार सोच लो, बनारस कहीं ठग ना ले
दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
क्या अजीब इत्तेफाक है! बनारस के तीनों उम्मीदवार मोदी, मुख़्तार और केजरीवाल से जान पहचान है। तीनों से रिपोर्टिंग के रिश्ते आपके लिए अद्भुत, क्रांतिकारी हो सकते हैं। पर दो दशक की पत्रकारिता में ये सामान्य बात है। मैं तो इन रिश्तों का जिक्र सिर्फ इसलिए कर रहा हूँ कि आपको ये ना लगे कि पोस्ट बस यूँ ही लिख दी।
राजनीति साफ़ हुई न हुई, मीडिया और गंदा हो गया
अभिरंजन कुमार
इस बार के चुनाव में मीडिया की निष्पक्षता पर मुझे भारी संदेह है। ज़्यादातर संस्थान किसी न किसी राजनीतिक दल के पक्ष में खुल कर बैटिंग कर रहे हैं।
भाजपा का संक्रमण काल : अनुभव बनाम नया खून
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
परिवर्तन संसार का नियम है। पेड़ों पर पुराने पत्ते झरते हैं, नये पत्ते आते हैं।
केजरीवाल पर पढ़ी कविता नीरज कुमार ने
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
इंडिया टुडे के कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल चार्टर प्लेन से पहुँचे। वहाँ उन्हें कई खट्टे-मीठे अनुभव हुए। पर सबसे मज़ेदार रहा दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार का कविता पाठ।
महिला दिवस पर मोदी की चाय
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
आठ मार्च का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नरेंद्र मोदी चाय की चुस्कियों के बीच देश-विदेश में महिलाओं से रूबरू हुए।
मोदी बनाम सब
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
अब जबकि लोक सभा चुनाव के लिए ईवीएम पर पहला बटन दबने में सिर्फ़ एक महीना बचा है, एक बात साफ होती जा रही है।
बीजेपी को संघ पढ़ा रहा है राजनीति का ककहरा
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक
नरेन्द्र मोदी गुजरात के बाहर यूपी में चुनाव लड़ेंगे कहां से। इस पर फैसला बीजेपी या मोदी नहीं बल्कि संघ परिवार करेगा।