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सीसैट – जरा एक बार फिर से समझ लें!
प्रियभांशु रंजन, पत्रकार :
किसी ने कभी भी अंग्रेजी हटाने की माँग नहीं की थी। यदि अंग्रेजी हटाने का मामला होता तो मुख्य परीक्षा में 300 अंकों के अंग्रेजी के कंपलसरी पेपर को हटाने की भी माँग की गयी होती। अंग्रेजी के इस पेपर को क्वालिफाई करना होता है।
नेपाल का दिल विजय
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली यात्रा में ही नेपाल का दिल विजय कर लिया। दिग्विजय नहीं, दिल्विजय! नेपालियों का दिल जीतने के लिए मोदी ने क्या-क्या नहीं कहा और क्या-क्या नहीं किया? उन्होंने नेपाल की सबसे ज्यादा दुखती रग पर हाथ धर दिया।
सीसैट पर सरकारी निर्णय से संतुष्ट नहीं गोविंदाचार्य
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षाओं में सीसैट प्रणाली के विरोध में चल रहे छात्र आंदोलन के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सीसैट में शामिल अंग्रेजी प्रश्नों के अंकों को प्रतिभा सूची बनाते समय नहीं जोड़ा जायेगा।
कभी दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती थी ट्राम
विद्युत प्रकाश :
आज भले ही दिल्ली में मेट्रो रेल का विशाल नेटवर्क है, पर कभी दिल्ली की सड़कों पर ट्राम दौड़ा करती थी। दिल्ली की सड़कों पर 1908 में पहली बार ट्राम दौड़ी थी। ब्रिटिश काल में तमाम बड़े शहरों में शहरी परिवहन के लिए ट्राम सेवा का चयन किया गया था।
आज सोनिया और राहुल ही आशा हैं
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
कांग्रेस जैसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नेताओं में अब थोड़ा-बहुत साहस पैदा हो गया है। वे मुँह खोलने लगे हैं। अपने मालिकों के सामने ‘जी-हुजूर’ बोलने के अलावा वे कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं करते थे। पंजाब के कांग्रेसी नेता जगमीत सिंह बरार ने काफी प्राणलेवा बयान दे दिया है।
क्यों जी, आप सेकुलर हो?
क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
क्यों जी, आप सेकुलर हो? तो बन्द करो यह पाखंड! पक गये सेकुलरिज़्म सुन-सुन कर! अब और बेवक़ूफ नहीं बनेंगे! पुणे पर इतना बोले, सहारनपुर पर चुप्पी क्यों? दुर्गाशक्ति नागपाल जो अवैध दीवार ढहाने गयी थी, अब वहाँ मसजिद बन गयी है, सेकुलरवादियो जाओ वहाँ नमाज पढ़ आओ!
महाराष्ट्र में चलती थी 326 किलोमीटर लंबी बारसी लाइट रेल
विद्युत प्रकाश :
पश्चिमी भारत में बारसी लाइट रेलवे अब अस्तित्व में नहीं है, पर ये किसी जमाने में 325 किलोमीटर लंबी नैरो गेज रेलवे लाइन हुआ करती थी। महाराष्ट्र में लातूर से मिराज के बीच रेलवे लाइन बनाने के लिए बारसी लाइट रेलवे (बीएलआर) नामक कंपनी की स्थापना लंदन में हुई।
नटवर सिंह के धमाके
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह की पुस्तक ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’ ने प्रकाशित होने के पहले ही धमाके करना शुरू कर दिया है। संजय बारु ने सोनिया-मनमोहन संबंधों पर जो प्रकाश डाला था, उससे कहीं ज्यादा तेज रोशनी अब नटवर सिंह की किताब डालेगी, क्योंकि नटवर सिंह अफसर नहीं थे, नेता थे, साथी थे।
काँगड़ा रेल – 933 पुल 484 मोड़ और 164 किलोमीटर का सफर
विद्युत प्रकाश :
काँगड़ा घाटी रेल लाइन की लंबाई 164 किलोमीटर है। काँगड़ा घाटी रेल रेल मार्ग में दो सुरंगें हैं। जिनमें से एक 250 फुट लंबी और दूसरी 1,000 फुट लंबी है। ट्रेन 2 फीट 6 इंच चौड़ाई वाले पटरियों पर कुलांचे भरती है। इस लाइन का सबसे ऊँचा प्वाइंट आहजू रेलवे स्टेशन पर है जो 3901 फीट ऊँचा है।
रोजेदार अर्शद के मुँह में रोटी
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में काम कर रहे एक कर्मचारी के साथ शिव सेना के सांसदों ने जिस तरह का बर्ताव किया है, वह निंदनीय है। उस कर्मचारी का नाम अर्शद जुबैर है। अर्शद जुबैर के मुँह में जबर्दस्ती रोटी ठूंसकर वह सांसद क्या बताना चाहता था?