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बापू ने डाली थी बुनियादी शिक्षा की नींव

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बेतिया शहर के पास कुमारबाग के पास है वृंदावन आश्रम। यह वही आश्रम है, जहाँ बापू पन्डित प्रजापति मिश्र, गुलाब खाँ व पीर मुहम्मद मुनिस के द्वारा निमन्त्रण पर गाँधी सेवा संघ के पंचम अधिवेशन के के मौके पर 2 मई, 1939 को एक बार फिर चंपारण की धरती पर पहुँचे थे।
बापू के भितिहरवा आश्रम की ओर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
सुबह-सुबह मैं नरकटियागंज के पुरानी बाजार के थाना चौक पहुँचता हूँ। यहाँ से कई ग्रामीण क्षेत्रों में जाने के लिए आँटो रिक्शा चलते हैं। गवनहा तक जाने वाले आँटो रिक्शा भितिहरवा जाते हैं। किराया है 20 रुपये।
भितिहरवा आश्रम : यहाँ से दी बापू ने अंग्रेजों को चुनौती

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चंपारण की धरती को वह गौरव प्राप्त है, जहाँ से महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश राज को चुनौती दी। इसके साथ ही आधुनिक भारत के इतिहास में गाँधी युग की शुरुआत होती है। 1917 का वह साल जब देश के आजादी के आंदोलन के इतिहास के केंद्र में महात्मा गाँधी आ जाते हैं।
हरा-भरा चंपारण, अब नहीं रहा मिनी चंबल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
किसी जमाने में चंपारण को मिनी चंबल कहा जाता था। पर अब हालात बदल गये हैं।
लौरिया-नंदनगढ़ के बौद्ध स्तूप

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बेतिया जिले के लौरिया में अशोक स्तंभ के अलावा एक और ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है नंदनगढ़ का बौद्ध स्तूप। लौरिया चौक से बौद्ध स्तूप बायीं तरफ है। लौरिया बाजार को पार करके गाँव के अन्दर एक विशाल टीला आता है जहाँ पर ये स्तूप स्थित है।
कभी डाकू थे अब शान्ति का सन्देश देते हैं

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
उनका नाम नेत्रपाल सिंह। कभी चंबल के नामी डकैतों में शुमार थे। उनकी बड़ी बड़ी मूँछे आज भी इस बात की गवाही देती है कि जवानी के दिनों में कैसे खूँखार लगते होंगे।
राजा जनक जी के बाग में अलबेला रघुबर आयो रे…

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
जनकपुर शहर से भारत के हिन्दुओं का आत्मीय रिश्ता है। भला हो भी क्यों न राजा रामचन्द्र जी की ससुराल है। यहीं की बगिया में सीता माता ने पहली बार रामजी को देखा था और उनके रूप मोहित हो गई थीं। हमने देखा कि आज भी जनकपुर में शादियाँ बड़े संस्कारी तरीके से होती है।
सीता माता का शहर – जनकपुर धाम

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
नेपाल में भारत की सीमा पर स्थित है सीता माता का शहर जनकपुर धाम। मैं पहली बार में 1999 में जनकपुर गया, दूसरी बार 2015 में। पर इन 16 सालों में एक चीज नहीं बदली।
सबसे सुन्दर अशोक स्तंभ – लौरिया नन्दन गढ़

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
सम्राट अशोक द्वारा देश भर में 30 अशोक स्तंभ बनवाये जाने की चर्चा मिलती है। इसमें बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया का अशोक स्तंभ प्रमुख है। पत्थर के बने इस स्तंभ के शीर्ष पर बैठे हुए शेर की आकृति बनी है। जो सम्राट अशोक के शासन काल में वीरता और वैभव का प्रतीक है।
प्रकट सिया सुख दईया, जनकपुर में बाजे बधईया…

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
नेपाल का शहर जनकपुर विदेह राजा जनक की नगरी है। यहाँ पर माँ जानकी का विशाल मन्दिर है।