Tag: अखिलेश शर्मा
क्यों बरसे मोदी केजरीवाल पर?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले चाँदनी चौक पर नरेंद्र मोदी ने की थी एक जनसभा।
तारे जमीं पर

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
हर चुनाव की तरह इस बार भी राजनीतिक पार्टियों ने फिल्मी सितारों और बड़े क्रिकेट खिलाड़ियों को चुनाव मैदान में उतारा है।
अमित शाह की अग्निपरीक्षा

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बात तब की है जब नितिन गडकरी बीजेपी अध्यक्ष थे और उनका फिर अध्यक्ष बनना करीब-करीब तय था।
झाड़ू यानी नोटा?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
चुनावों में एक नया चलन शुरू हुआ है। नोटा का। यानी नन ऑफ द अबव (ऊपर दिए गये में से कोई नहीं) का।
कहाँ गये हनुमान?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
जसवंत सिंह और हरिन पाठक दोनों में एक समानता है। दोनों हनुमान कहे जाते हैं। जसवंत सिंह अटल बिहारी वाजपेयी के हनुमान तो हरिन पाठक लाल कृष्ण आडवाणी के हनुमान।
बीजेपी के सागर में बनता टापू

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
आखिरकार आडवाणी मान गये। मानना ही था। कोई रूठता भी इसीलिए है ताकि उसे मनाया जाये और तभी वो माने।
आडवाणी: अथक रथी से अथक हठी तक

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी के सबसे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी एक बार फिर रूठे हैं।
‘कम बोला, काम बोला’ वाक़ई?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
कांग्रेस में चुनाव से पहले अजीब होड़ लगी है।
पवार कभी गरम कभी नरम

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
देश के सबसे खांटी राजनेताओं में से हैं शरद पवार। उनके मन की थाह पाना असंभव है।
भाजपा का संक्रमण काल : अनुभव बनाम नया खून

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
परिवर्तन संसार का नियम है। पेड़ों पर पुराने पत्ते झरते हैं, नये पत्ते आते हैं।









