Tag: अभिरंजन कुमार
कुमार विश्वास, अगर आपमें दम है, तो दिल्ली में सरकार बनाकर दिखाएं
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
कुमार विश्वास सैनिकों की बात करते हैं और सैनिक कभी मैदान छोड़कर नहीं भागते। इसिलए अगर उनमें दम है, तो केजरीवाल से इस लड़ाई को वे जीतकर दिखाएं। और अगर दम नहीं है, तो उनका हश्र भी वही होने वाला है, जो इस पार्टी में दूसरे तमाम को-फाउंडर्स का हुआ है।
मोदी की जीत कहकर केजरीवाल की हार को छोटी मत कीजिए!
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
मीडिया हर रोज पीएम मोदी का जादू टेस्ट करता है। एमसीडी चुनाव में बीजेपी की जीत को भी वह पीएम मोदी का ही जादू बता रहा है। लेकिन वह यह बताने में संकोच कर रहा है कि यह बीजेपी की जितनी बड़ी जीत नहीं है, उससे कहीं अधिक बड़ी केजरीवाल की हार है। शायद विज्ञापन बहादुर केजरीवाल के विज्ञापनों का मोह उसे यह सच बताने से रोक रहा है।
मोदी की जीत कहकर केजरीवाल की हार को छोटी मत कीजिए!
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
मीडिया हर रोज पीएम मोदी का जादू टेस्ट करता है। एमसीडी चुनाव में बीजेपी की जीत को भी वह पीएम मोदी का ही जादू बता रहा है। लेकिन वह यह बताने में संकोच कर रहा है कि यह बीजेपी की जितनी बड़ी जीत नहीं है, उससे कहीं अधिक बड़ी केजरीवाल की हार है। शायद विज्ञापन बहादुर केजरीवाल के विज्ञापनों का मोह उसे यह सच बताने से रोक रहा है।
अभिव्यक्ति की आजादी क्या ईद की सेवई है, जिसे हर व्यक्ति को खिलाएँ?
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
अभिव्यक्ति की आजादी हर व्यक्ति के लिए नहीं होनी चाहिए। मसलन, आमिर खान और शाहरुख खान के लिए होनी चाहिए, लेकिन इरफान खान के लिए नहीं होनी चाहिए।
जो धर्म डराए, जो किताब भ्रम पैदा करे, उसे शिद्दत से सुधार की जरूरत!
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
जो कट्टरपंथी हैं, वे भी उसी एक किताब से हवाले दे रहे हैं। जो पढ़े-लिखे, उदारवादी और प्रगतिशील हैं, वे भी उसी एक किताब के सहारे सारी थ्योरियां पेश कर रहे हैं।
हो सके तो दो-चार मानवाधिकारवादियों को भी बोनट पर घुमा दीजिए!
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
वैसे हमारे प्रगतिशील बुद्धिजीवियों ने एक कथित पत्थरबाज को जीप की बोनट पर बाँधने के लिए सेना की खूब आलोचना की है, लेकिन मुझे लगता है कि सेना को ऐसे एक नहीं, सौ पत्थरबाज (सिर्फ पत्थरबाज) पकड़ने चाहिए और घाटी में अपने तमाम ऑपरेशनों और आवाजाही के दौरान उन्हें अपनी गाड़ियों के आगे टाँगे रखना चाहिए।
प्रशांत भूषण ऐसे ईव-टीजर, जो लोगों की आत्मा तक नोंच डालते हैं!
जीव-हत्या, वेश्यावृत्ति और नशाखोरी को जस्टिफाइ करने वाले मनुष्य नहीं हैं!
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
बीजेपी और आरएसएस सिर्फ गोहत्या पर पाबंदी की वकालत करते हैं, जबकि मेरा स्टैंड यह रहा है कि समस्त पशु-पक्षियों पर अत्याचार रुकना चाहिए। गोहत्या पर पाबंदी हिन्दुत्व की रक्षा के लिए जरूरी है, लेकिन सभी पशु-पक्षियों की हत्या रोकना मानवता की रक्षा के लिए जरूरी है।
उत्तम प्रदेश में प्रजापति करते थे प्रजा से बलात्कार- इस तरह बोलता था ‘काम!’
अभिरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार :
इक्कीसवीं सदी की जवानी परवान पर थी। सोलहवाँ साल अभी-अभी पूरा हुआ था। सत्रहवाँ लग चुका था। ‘उत्तम प्रदेश’ में ‘समाजवादी प्रजातंत्र’ का जबर्दस्त जलवा था। जलवा भी ऐसा-वैसा नहीं! बस यूँ समझ लीजिए कि ‘काम’ बोलता था। ‘प्रजातंत्र’ के ‘प्रजापति’ लोग ‘कामुकता’ की पराकाष्ठा पार कर चुके थे। वे मानते थे कि वे ‘प्रजा’ के ‘पति’ हैं, इसलिए उन्हें ‘प्रजा’ के साथ वह सब करने का अधिकार है, जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है। पीड़ित ‘प्रजा’ भले इसे बलात्कार मानती थी, लेकिन वे स्वयं इसे ‘काम’ समझकर ही अंजाम दिया करते थे।
तो उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी लाई कब्रिस्तान?
अभिरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार :
जब मैंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि ‘चुनाव के उत्सव में कब्रिस्तान और श्मशान कहाँ से ले आए मोदी जी?’, इसके बाद मेरे पास तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। जो प्रतिक्रियाएं मेरे सवाल के साथ सहमति में आईं, उन्हें सामने रखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी बात तो मैं कह ही चुका हूँ, लेकिन जो प्रतिक्रियाएं असहमति में आईं हैं, उन्हें स्पेस देना भी जरूरी लग रहा है।