Tag: अभिरंजन कुमार
क्या मुस्लिम मेरे भाई-बहन नहीं, जो उन्हें नहीं दिखा सकता आइना?

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
हिन्दू धर्म की मान्यताओं पर भी मैं कभी मोहित नही हुआ। इधर बीच इसमें घुस आई कुरीतियों पर भी मैं हमेशा हमलावर मुद्रा में रहता हूँ। जिन प्रमुख मुद्दों पर मैं नियमित रूप से हमले करता रहता हूँ, उनमें- पर्व-त्योहारों पर मासूम जानवरों की बलि, कुकुरमुत्ते की तरह उग आए भगवान और बाबा एवं जाति-प्रथा शामिल हैं।
जन्नत की हूरों के बारे में जाकिर नाइक को खुला पत्र

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
परम आदरणीय जनाब-ए-आला स्कॉलर श्री ज़ाकिर नाइक साहब,
इस्लाम और दुनिया के तमाम धर्मों के बारे में आपके ज्ञान को देखकर चकित हूं। लेकिन एक हज़ार मुद्दों पर जानकारी लेने में मेरी दिलचस्पी कम है। मैं तो बस जन्नत की हूरों के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहता हूं। आशा है, जैसे आप भारत से भाग गए हैं, वैसे मेरे इन पैंतीस सवालों से नही भागेंगे।
क्या अल्लाह अपनी संतानों के खून से खुश होगा?

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
ईद के दिन हुए हमले के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर कहा है कि "जो लोग ईद के दौरान भी हमले कर रहे हैं, वे इस्लाम और मानवता के दुश्मन हैं।" ईद और रमजान का हवाला देते हुए जब वे आतंकी हमलों की निंदा करती हैं, तो उनका यह मतलब कतई नहीं होता कि बाकी दिनों में हमले जायज हैं, जैसा कि सोशल मीडिया पर मजाक चल रहा है।
अब आइने में अपनी शक्ल देखे इस्लाम… डरावनी हो चली है!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
हमारे जम्मू-कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की इस बात के लिए तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने उस सच्चाई को कबूल करने का साहस दिखाया है, जिसे तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले हमारे सुपर-सेक्युलर लोग समझते हुए भी स्वीकार करने को तैयार नहीं होते।
योग का विरोध मुसलमानों को गुमराह करने के लिए

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
हम ईद की खुशियों और मोहर्रम के मातम में शरीक होकर मुस्लिम नहीं बन गए। हमारे मुसलमान भाई हमारी होली और दिवाली में शरीक हो कर हिन्दू नहीं बन गये। लेकिन देश के सियासतदान हमें पढ़ा रहे हैं कि अगर मुसलमान योग कर लेंगे, तो उनका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा और इस्लाम खतरे में पड़ जाएगा।
राहुल बाबा फिर विदेश चले गये हैं

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
राहुल बाबा फिर विदेश चले गए हैं।
किस देश गए हैं, बताकर नहीं गये, वरना जरूर बताता।
अपने पुरुषार्थ से पाकिस्तान को सबक सिखा सकते हैं

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
मोदी के समूचे भाषण के दौरान अमेरिकी संसद में लगातार तालियाँ बजती रहीं। यद्यपि उनकी अंग्रेजी से मैं कभी इम्प्रेस नहीं होता, फिर भी मनमोहन की अंग्रेजी से इसे बेहतर मानता हूँ। मनमोहन तो हिंदी बोलते थे या अंग्रेजी-कभी लगता ही नहीं था कि उनकी तबीयत ठीक-ठाक है।
विधानसभा चुनाव नतीजे कांग्रेस और लेफ्ट को करारा तमाचा

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से एक बात बिल्कुल साफ है कि देश की जनता अब कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों से पक चुकी है। उन्हें समझ में आ गया है कि ये दोनों एक ही थैले के चट्टे-बट्टे हैं और इनके बीच पति-पत्नी जैसा रिश्ता है। इनके दिन के झगड़े का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि रात में इन्हें साथ ही रहना है। इसलिए इन दोनों को जनता मजबूरी में अब सिर्फ वहीं चुन रही है, जहाँ उनके पास कोई तीसरा विकल्प नहीं है।
मोदी राज में कैसे टॉप कर गए दलित और मुस्लिम छात्र?

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
मीडिया से पता चला कि इस बार आइएएस टॉपर दलित है और सेकेंड टॉपर मुसलमान। इससे एक बात तो साफ है कि हमारे लोकतंत्र ने धीरे-धीरे सबको बराबरी से आगे बढ़ने के मौके मुहैया कराये हैं और अब चाहे आप किसी भी जाति-धर्म के हों, अगर आपमें दम है और लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
अपने जातिवादी और सांप्रदायिक मित्रों से दो टूक

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
मेरे कई मित्रों की मुश्किल है कि जब मैं मोदी, बीजेपी और आरएसएस की आलोचना करता हूँ, तो वे पढ़ते नहीं या पढ़ कर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन जब मोदी, बीजेपी, आरएसएस के विरोधियों की आलोचना करता हूँ, तो वे हमारी निष्ठा पर सवाल उठाने लगते हैं।