Tag: असहिष्णुता
झूठ के सहारे हिंदुओं को असहिष्णु दिखाने की कोशिश
क्या अब कायर और पलायनवादी भी योद्धा कहे जाएँगे!
अभिरंजन कुमार :
रोहित के साथ अगर कुछ गलत हुआ, तो उसकी पड़ताल करो। गुनहगारों को सजा दो। लेकिन प्लीज उसे हीरो मत बनाओ। क्या हम अपने बच्चों और नौजवानों को यह बताना चाहते हैं कि कोई आत्महत्या करके भी हीरो बन सकता है?
आइए खूबियाँ ढूँढते हैं
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
मैंने कल लिखा था न कि मेरी मुलाकात दिल्ली वाले लड़के से होगी।
क्या चाहिए आपको, लोकतंत्र या धर्म-राज्य?
कमर वहीद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार :
सिर्फ बीस दिन हुए थे। शायद ही ऐसा पहले कभी हुआ हो। देश में कोई नयी सरकार बनी हो और महज बीस दिनों में ही यह या इस जैसा कोई सवाल उठ जाये! तारीख थी 14 जून 2014, जब 'राग देश' के इसी स्तम्भ में यह सवाल उठा था-2014 का सबसे बड़ा सवाल, मुसलमान!
पढ़ें आमिर का पूरा मूल बयान, जिस पर छिड़ा बवाल
आमिर खान ने 23 नवंबर 2015 को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कारों के वितरण समारोह में देश में बढ़ती असहिष्णुता पर टिप्पणी की, जिस पर काफी हंगामा मचा। यह हंगामा खास कर आमिर खान के यह कहने पर छिड़ा कि उनकी पत्नी ने देश छोड़ने की बात कह दी थी।
आमिर खान साहब, बात जरा खुल कर कहते ना!
राजीव रंजन झा :
जब कुछ लोग कहते हैं कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे हैं, तो शायद उनका डर वाजिब ही है। अगर ऐसा नहीं होता तो अभिनेता आमिर खान इशारों में आधी-अधूरी बातें नहीं करते और खुल कर कहते कि वे किन घटनाओं का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने बस इतना कहा कि बहुत सारी घटनाओं से वे बेचैन या भयभीत हैं। स्थिति इतनी बिगड़ी हुई है कि पत्नी किरण राव ने उन्हें देश छोड़ने का ही सुझाव दे डाला है।
कौन लोग लतीफे बना रहे हैं पुरस्कारों के लौटाने पर
राकेश कायस्थ :
साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का जो सिलसिला चल रहा है, उसे लेकर फेसबुक पर हो रही लतीफेबाजी क्या दर्शाती है? आखिर वे कौन लोग हैं, जो चुटकले बना रहे हैं और तालियाँ पीटकर खुश हो रहे हैं? पुरस्कारों की वापसी का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसके पीछे कोई लंबी चौड़ी कहानी नहीं है।