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कांगड़ा – चामुंडा नंदिकेश्वर धाम
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चामुंडा देवी यानी दैत्य चंड और मुंड का संहार करने वाली शक्ति की प्रतीक माँ। चामुंडा देवी पहाड़ों में बसने वाली नौ देवियों में से एक हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पुराने कांगडा शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मनोरम वातावरण में स्थित है माँ चामुंडा का धाम।
कांगड़ा का स्वाद – लुंगडू का अचार
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
जब भी मैं हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा की वादियों में जाता हूँ तो अचार और चायपत्ती जरूर लाने की कोशिश करता हूँ। कांगड़ा के बाँस के अचार का स्वाद सालों से जुबाँ पर है। पर इस बार यहाँ देखने को मिल लुंगड़ू का अचार । दुकानदार ने बताया यह सर्दिंयों के लिए अच्छा है। सो हमने एक पैकेट खरीद लिया। सर्दियों में बाँस का अचार भी खाना अच्छा रहता है। अब बात लुंगडू की। लुंगडू यानी ( Fiddle head fern) का अचार कांगड़ा की खास विशेषता है।
पालमपुर – धौलाधार के धवल शिखर देखिए यहाँ से
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
कांगड़ा की हसीन वादियों के बीच पालमपुर शहर। शहर के अंदर तो बाकी शहरों की तरह भीड़भाड़ दिखायी देती है। पर यहाँ से धौलाधार पर्वत के उच्च शिखर दिखायी देते हैं। खास तौर पर जब इन शिखरों पर बर्फबारी हो गयी हो तो इनका सौंदर्य और बढ़ जाता है।
आनंदपुर साहिब से कांगड़ा
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
आनंदपुर साहिब का बस स्टैंड छोटा सा है पर साफ-सुथरा। स्वच्छ भारत अभियान का असर दिखायी देता है। यहाँ से मैं कांगड़ा के लिए बस के बारे में पूछता हूँ। लोग बताते हैं कि नंगल चले जाइए वहाँ से मिली। नंगल जाने वाली बस में बैठ जाता हूँ। नंगल 20 किलोमीटर आगे है।