Monday, June 9, 2025
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Tag: केवलादेव नेशनल पार्क

रुठते परिंदे – 2002 में आखिरी बार आया था साइबेरियन क्रेन

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार : 

विश्व पटल पर लंबे समय तक केवलादेव नेशनल पार्क की पहचान साइबेरियन क्रेन के कारण रही है। यहाँ हर साल साइबेरियन क्रेनों का जोड़ा सर्दियों से बचने के लिए और अपनी नई पीढ़ी को जन्म देने के लिए आया करता था। पर बदलते पर्यावरण के कारण एक वक्त आया जब साइबेरियन क्रेनों ने अपनी राह बदल ली। इस कदर रूठे कि दुबारा यहाँ का रुख नहीं किया।

केवलादेव – चलो परिंदों की जुबाँ समझें

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार : 

अगर आप प्रकृति और पशु पक्षियों से प्रेम करते हैं तो आपके लिए घूमने के लिए केवलादेव नेशनल पार्क शानदार जगह हो सकती है। राजस्थान के भरतपुर शहर के बाहरी इलाके में स्थित इस पार्क को घाना पक्षी उद्यान भी कहते हैं। घाना इसलिए कि कभी यहाँ घने जंगल हुआ करते थे।

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