Sunday, October 26, 2025
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सुबह-सुबह खाली पेट दौड़ने (Running) से आपकी सेहत पर क्या होगा असर?

दौड़ने के अनगिनत फायदे हैं और यही वजह है कि हर उम्र के लोग सुबह-सुबह दौड़ते नजर आते हैं। दौड़ने से वसा घटती है यानी फैट बर्न होता है और दम-खम (स्टैमिना) भी बढ़ता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि खाली पेट सुबह दौड़ने का स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?

युवाओं के दिल में

 आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार  :

विकट अज्ञान और कनफ्यूजन में दिन बीते साहब। पहले एक सर्वे में साफ हुआ था कि भारतीय सन्नी लियोन (वस्त्र मुक्ति अभियान की वरिष्ठ कार्यकर्ता) के दीवाने हैं। मैं तो मान रहा था कि युवाओं के दिल में सन्नी लियोन बसती हैं। पर नहीं, कल मेरे मुहल्ले में बहुत पोस्टर दिखे, जिसमें लिखा था कि देश के युवाओं के दिल में बसने वाले एक नेता को युवाओं की माँग पर आगे लाया गया है।

दादर यानी मुंबई का दिल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

वैसे तो मुंबई बहुत बड़ी है। पर मुंबई का दिल तो दादर में बसता है। भला कैसे। अगर आप नक्शे में देखेंगे तो दादर मुंबई के लगभग बीच में है। मैंने अपने मुंबई के पुराने दोस्त आईपीएस यादव से पूछा की मुंबई में घूमने के लिए कुछ दिन रुकना हो तो कहाँ रुकना ठीक होगा। उन्होंने कहा, दादर में रुकिए। वहाँ से सारे स्थानों को जाने के लिए गाड़ियाँ मिल जाती है। वैसे दादर कहीं से भी बीच में है। यह काफी हद तक सही भी है। 

गिफ्ट उल्लास है, गिफ्ट हर्ष है

विकास मिश्रा, आजतक  : 

12 साल पहले की बात है। ठंड का सीजन था। मेरठ में 4-5 साल की एक बच्ची का जन्मदिन था, परिवार ने बड़े प्यार से बुलाया था। घर में बात चल रही थी कि गिफ्ट में क्या दिया जाए। गेम या ड्रेस, खिलौना या टैडी बीयर या फिर ढेर सारी चॉकलेट।

रिश्ते दिल मिला कर बनते हैं

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

मेरी शादी तय हो चुकी थी। मुझे पता था कि मेरी होने वाली पत्नी का नाम दीपशिखा है। पर आगे क्या? 

दिल में दिमाग वालों से डर लगता है

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :  

बहुत साल पहले हम पटना से भोपाल एक शादी में शामिल होने गए थे। मैं, मेरा छोटा भाई, मेरी बहन, मेरे चचेरे, ममेरे, फुफेरे और ढेरों भाई-बहन हम वहाँ उस शादी में मिले थे। हम बच्चों का दिल आपस में ऐसा लग गया था कि हमें लगता था कि ये शादी कभी खत्म ही न हो। 

जादू

प्रेमचंद :

नीला तुमने उसे क्यों लिखा ? '

कैसे पड़ा दिल्ली नाम

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार: 

देश की राजधानी दिल्ली। कभी इसका नाम इंद्रप्रस्थ था। कभी शाहजहानाबाद। पर दिल्ली का नाम दिल्ली कैसे पड़ा, इस बारे में कई कहानियाँ हैं। कहा जाता है कि फारसी शब्द दहलीज से दिल्ली नाम पड़ा। विदेशी इसे भारत की दहलीज मानते रहे।

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