Tag: नफरत
प्यार दो, प्यार लो

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
जबलपुर जाने का मतलब है कहानियों के संसार की यात्रा पर निकलना। एक कहानी खत्म हुई नहीं कि दूसरी शुरू। अब वहाँ कदम संस्था वालों ने इतने पेड़ लगा दिए हैं कि प्रकृति जबलपुर की मिट्टी चूमने लगी है। आसमान बादलों को मुहब्बत का पैगाम लेकर धरती के पास भेजने लगा है। ऐसा ही परसों हुआ था जब दिल्ली से उड़ा विमान जबलपुर एयरपोर्ट पर उतरने से घबराता रहा कि वहाँ तो धरती से मिलने बादल नीचे उतर आये हैं।
जिसे जो मिला, वही वो देगा

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
आज पोस्ट लिखते हुए मुझे कई बार रुकना पड़ा।
खून में सने बासित कुबूल नहीं

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
हालाँकि मैं गुलाम अली साहब की इस तकरीर से कतई सहमत नहीं हूँ कि सुरों से सरहद की दूरी कम होगी, चंद सियासतदां हिंदुस्तान-पाकिस्तान की दोस्ती में रोड़े अटका रहे हैं और दोनों मुल्क के बीच कलाकारों के जरिए रिश्ते मजबूत होंगे। वह सरासर बकवास कर रहे थे।
तोड़ो नहीं, जोड़ो

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
पिछले साल मैं अमृतसर में वाघा बॉर्डर गया था। वाघा बॉर्डर पर हर शाम एक खेल होता है। देशभक्ति का खेल।
वहाँ अटारी सीमा पर शाम के पाँच बजे भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों के गेट खुलते हैं और दोनों देशों के सैनिक अपने सैन्यबल का प्रदर्शन करते हैं।