Tag: नवाज शरीफ
आतंक के एटीएम
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
संयुक्त राष्ट्र संघ में पाक पीएम नवाज शरीफ ने बताया-जी हम तो आतंक के विरोधी हैं। हम तो आतंक के खिलाफ कार्रवाई करते हैं आगे भी करेंगे।
भारत-पाक रिश्तेः कब पिघलेगी बर्फ
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तानी प्रधान मन्त्री से मुलाकात और उनका पाकिस्तान जाने का फैसला साधारण नहीं है। आखिर एक पड़ोसी से आप कब तक मुँह फेरे रह सकते हैं? बार-बार छले जाने के बावजूद भारत के पास विकल्प सीमित हैं, इसलिए प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी की इस साहसिक पहल की आलोचना बेमतलब है।
महाराष्ट्र-हरियाणा : मतदान से मतगणना तक
दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
"मैंने सोचा था ये 'अमर प्रेम' जैसे संबंध हैं, लेकिन ये तो 'कटी पतंग' निकले।" मायानगरी से प्रभावित शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे यह कह कर भावुक से होने लगे।
कश्मीर पर प्रचारक का हठ या नेहरू से आगे मोदी की नीति?
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
वक्त बदल चुका है। वाजपेयी के दौर में 22 जनवरी 2004 को दिल्ली के नॉर्थब्लाक तक हुर्रियत नेता पहुँचे थे और डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की थी। मनमोहन सिंह के दौर में हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान जाने का वीजा दिया गया और अमन सेतु से उरी के रास्ते मुजफ्फराबाद के लिए अलगाववादी निकल पड़े थे।
काबुल पर कब्जा कैसे करेंगे?
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पिछले दस-बारह दिनों में पाकिस्तान में काफी हंगामा होता रहा, लेकिन उसके साथ-साथ मेरी बातचीत कई केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, पार्टी-नेताओं, राजदूतों और फौजी जनरलों से होती रही। पत्रकारों से तो लगातार संवाद बना ही रहता है।
यह युद्ध पठानों और पंजाबियों का नहीं
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ ने संसद में एक अत्यंत प्रभावशाली और ऐतिहासिक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि अब आतंकवादियों का पूरा सफाया किए बिना हम चैन नहीं लेंगे। पाकिस्तान को अब हम आतंकवादियों की शरण-स्थली नहीं बनने देंगे।
भारत-पाक जुगलबंदी
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी का शपथ-समारोह जितना सफल और सार्थक रहा, अब से पहले किसी भी प्रधानमंत्री का नहीं रहा। मंत्रिमंडल के निर्माण पर तो मैं कल लिख ही चुका हूँ लेकिन मुझे डर था कि दक्षेस राष्ट्रों के नेताओं के आगमन पर कोई अप्रिय घटना न हो जाये। इसीलिए जैसे ही मियां नवाज शरीफ दिल्ली पहुँचे, टीवी चैनलों ने कहना शुरू कर दिया कि वे शपथ-समारोह के पहले ही पत्रकार-परिषद करने की अनुमति चाहते हैं।