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पुराना किला – कई अफसाने हैं दफन

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
दिल्ली को जानना है तो पुराना किला गये बिना बात अधूरी रह जानी है। पुराना किला के साथ कई पुरानी यादें जुड़ी हैं। लोग तो कहते हैं कि यह पांडव कालीन है। पर किले के साथ मुगलकाल की कई स्मृतियां जुड़ी हैं।
जन्मों को होता है पति-पत्नी का रिश्ता

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
पांडव लाक्षागृह में बतौर मेहमान बुलाए गये थे और जब उसमें आग लग गयी तो वो फँस गये थे। कहीं से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। अब कोई करे भी तो क्या करे। लाक्षागृह धू-धू कर जल रहा था। युधिष्ठिर विचलित थे। अब इसमें से कोई कैसे बाहर निकले। सबकी आँखों में यही सवाल था।
पंडौल – यहाँ पांडवों ने किया था अज्ञातवास

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पंडौल यानी पांडवों का आवास। मधुबनी जिले के पंडौल के बारे में कहा जाता है कि पांडवों ने यहाँ अज्ञातवास में कुछ वक्त गुजारा था। मैं भवानीपुर गाँव से कोई वाहन नहीं मिलने पर पैदल ही पंडौल के लिए चल पड़ता हूँ। रास्ते में एक बाइक वाले लिफ्ट माँगता हूँ। वह बोले ब्रह्मोतरा तक छोड़ दूंगा। मैं उनके बाइक पर पीछे बैठ जाता हूँ। चार किलोमीटर बाद ब्रह्मोतरा गाँव आ जाता है। यह गाँव सकरी पंडौल मुख्य मार्ग पर स्थित है। यहाँ से पंडौल दो किलोमीटर आगे है।