Tag: भारतीय रेलवे
यात्रियों को लूटने के और भी तरीके हैं प्रभु जी
संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन :
प्लेटफॉर्म टिकट जब 30 पैसे का आता था, तब से ले कर अब, जब यह 10 रुपये में मिलेगा तब तक - बिहार के छोटे-बड़े स्टेशनों से लेकर दिल्ली, मुंबई,कोलकाता,चेन्नई सब जगह देख चुका हूँ।
घोषणाओं की रेल के आगे
राजीव रंजन झा :
सदानंद गौड़ा के ब्रीफकेस से कोई भभूत नहीं निकला, कोई चमत्कार नहीं हुआ। बुलेट ट्रेन की घोषणा जरूर हो गयी, लेकिन रेल बजट का पूरा भाषण सुनने के बाद लोगों को लगा कि अरे, पहले के भाषण भी तो ऐसे ही होते थे!
चैनलों में रेल की दुनिया
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
पिछले दो तीन दिनों में टीवी के सामने बैठा दर्शक भारतीय रेल को लेकर पर्याप्त रूप से शर्मिंदा हो चुका होगा। तमाम लेडी ऐंड लेडाज रिपोर्टर एंकर भारतीय रेल के जर्रे जर्रे का माखौल उड़ाते दिखे जैसे ये रेल न हो कबाड़ हो।
राजनीति की मौकापरस्ती बनाम रेलवे का कायाकल्प
राजीव रंजन झा :
लोकसभा चुनाव के नतीजों की गहमागहमी के बीच 16 मई को एक खबर कब आयी और किधर खो गयी, किसी को पता भी नहीं चला था। खबर यह थी कि आम चुनाव समाप्त होते ही रेलवे ने यात्री किरायों में 14.2 प्रतिशत और माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा कर दी और यह वृद्धि 20 मई से लागू होगी।
फिर जनता ने आपको क्यों कुर्सी पर बिठाया?
योगेश सिंह, उद्यमी :
रेल किराये में बढ़ोतरी के नाम पर क्या सुविधाएँ मिलेंगी, यह तो भविष्य के गर्भ में है। परँतु आम जनता को तुरँत इस रिकॉर्ड बढ़ोतरी का क्या लाभ मिलेगा, जरा उसे भी समझ लेते हैं।