Tag: भाव
रिश्तों में जरूरी होता है भाव को समझना

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
दो दिनों से प्रेम पर लिख रहा हूँ।
क्या हो गया है मुझे?
मन क्या है

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
आपके पास एक ऐसी चीज है जो हमेशा साथ है लेकिन आप उसे जान कर भी पहचानते नहीं । आप दिन में सौ बार उसकी चर्चा करते हैं, सौ बार उससे बातें करते हैं, सौ बार उसकी सुनते हैं, सौ बार उसकी अनदेखी कर देते हैं पर उसी की तलाश में आप पूरी जिन्दगी भटकते रह जाते हैं।
मन क्या है

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
आपके पास एक ऐसी चीज है जो हमेशा साथ है लेकिन आप उसे जान कर भी पहचानते नहीं । आप दिन में सौ बार उसकी चर्चा करते हैं, सौ बार उससे बातें करते हैं, सौ बार उसकी सुनते हैं, सौ बार उसकी अनदेखी कर देते हैं पर उसी की तलाश में आप पूरी जिन्दगी भटकते रह जाते हैं।
मन चंगा तो कठौती में गंगा

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
एक बार एक व्यक्ति की शिकायत हुई कि वो बहुत गाली देता है।
शिकायत की सुनवाई के लिए उस व्यक्ति को बुलाया गया। उसे बताया गया कि तुम अपनी बातचीत में बहुत गाली देते हो। व्यक्ति भड़क गया। उसने बिगड़ते हुए कहा, "कौन साला, कुत्ते का बच्चा कहता है कि मैं बहुत गालियाँ देता हूँ। तुम एक भी ऐसा आदमी लेकर आओ, जो ये कह सके कि मैंने कभी किसी को गाली दी हो। ये मेरे खिलाफ सरासर झूठा आरोप है।"