Friday, November 22, 2024
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‪‎यादें‬ – 13

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

अब यहीं से शुरू हो सकती है वो कहानी, जिसकी भूमिका बाँधते-बाँधते मैं यहाँ तक पहुँचा हूँ। 

हरभजन और कर्ण के चयन का आधार क्या ?

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

जून में बांग्लादेश दौरे पर खेले जाने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए घोषित भारतीय टीम में हरभजन सिंह की वापसी को लेकर मीडिया में काफी सवाल उठाये जा रहे हैं।

आपको मिर्ची लगी तो कोई क्या करे

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

कांग्रेस को वाकई 'बेचारा' ही कहा जाएगा.. जो अनाथ हो उसके लिए भारत में ऐसा ही संबोधन किया किया जाता है।

इस ‘ड्रमेटिक्स’ से आगे देखिए!

कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार 

देश में बहुत कुछ हो रहा है। मोदी सरकार के एक साल पूरे होने वाले हैं। बड़ी तीखी बहस हो रही है इस पर।

गेहूँ की फसल कम होगी, लेकिन वोटों की खेती लहलहायेगी

संजय सिन्हा, आज तक :

मेरी माँ किसान नहीं थी, लेकिन जिस साल अप्रैल के महीने में आसमान में काले-काले बादल छाते और ओले बरसते माँ सिहर उठती थी।

जो कभी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के हमसफर थे, जहर लगते हैं

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

जब भारतीय टीम दंगा-फसाद में अदर हो गयी थी

तब किसी को भी कानों-कान खबर हुई थी क्या !!!

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को पैसे ने किस कदर मदान्ध कर दिया है कि जो मीडिया कभी उसका हम सफर हुआ करता था, वही अब जहर जैसा लगने लगा है। कारण जानना आसान है।

मुस्लिम मानसः बात निकली है तो दूर तलक जायेगी

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :

संवाद के अवसर हों, तो बातें निकलती हैं और दूर तलक जाती हैं। मुस्लिम समाज की बात हो तो हम काफी संकोच और पूर्वाग्रहों से घिर ही जाते हैं।

राष्ट्र के बौद्धिक विकास में भूमिका निभाए मीडिया

संजय द्विवेदी :

राष्ट्र के बौद्धिक विकास में मीडिया एक खास भूमिका निभा सकता है। वह अपनी सकारात्मक भूमिका से राष्ट्र के सम्मुख उपस्थित अनेक चुनौतियों के समाधान खोजने की दिशा में वह एक अभियान चला सकता है। दुनिया के अनेक विकसित देशों में वहाँ के मीडिया ने सामुदायिक विकास में अपना खास योगदान दिया है।

ऐसे शिक्षकों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए?

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :

"अच्छा बताइए, राज्य सभा को अपर हाउस क्यों कहते हैं?"
"नहीं पता सर।"
"संसद के कितने अंग होते हैं, यह तो पता होगा ही।"
"नहीं सर, यह भी नहीं पता।"
"ओके, संसद में शून्य काल के बारे में तो सुना ही होगा।"
एक बड़ी चुप्पी...।

सिडनी बंधकः कठिन बीमारी का इलाज नश्तर से ही होता है

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :

जिन दिनों मैंने 'शक्ति' फिल्म देखी थी, मैं बहुत दुविधा में था। पुलिस अधिकारी पिता दिलीप कुमार के इकलौते बेटे अमिताभ बच्चन को बचपन में कुछ अपराधी किडनैप कर लेते हैं। फिर दिलीप कुमार से फोन पर सौदेबाजी करते हैं। दिलीप कुमार अपने बेटे के बदले भी उन अपराधियों को छोड़ने को तैयार नहीं होते, जिनके लिए ये सारा ड्रामा रचा गया होता है।

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