Tag: मेघालय
युद्ध में बहादुरी की दास्तां बयां करता एयरफोर्स म्यूजियम
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
लड़ाकू विमान हंटर के साथ जिसने पाकिस्तान के साथ दो युद्धों में जलवा दिखाया....
संग-संग खिलखिलाती सात बहनें – सेवेन सिस्टर फाल्स
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
चेरापूंजी में हमारा आखिरी पड़ाव है सेवेन सिस्टर फाल्स। जैसा की नाम से ही लगता है कि यहां सात झरने होंगे। हमारे यहां पहुंचने तक शाम के 5 बज गए हैं। जैसा कि आपको पहले भी बताया है कि चेरापूंजी में मौसम तेजी से बदलता है।
आईए बारिशों का मौसम है…. चेरापूंजी
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
चेरापूंजी की सड़कों पर चलते हुए हमें एक मकान की छत पर बड़ा सा फुटबाल नजर आया। देखा तो यह भारत सरकार के मौसम विभाग के दफ्तर का भवन था। गुवाहाटी के आईएमडी यानी मौसम विभाग में पदस्थापित हमारे वैज्ञानिक दोस्त संजय ओनिल शा से मैंने इस फुटबाल का राज पूछा। उन्होंने बताया कि वास्तव में यह मौसम विभाग का रडार है।
इको पार्क – श्वेत निर्मल जल का सुमधुर संगीत
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
शिलांग से चेरापूंजी के रास्ते में आप कई खूबसूरत झरने देखते हुए आगे बढ़ते हैं। वाहकाबा फाल्स में जैसे झरने आपने देखे उसका बड़ा रूप इको पार्क में देखने को मिलता है।
आदिवासियों में शिक्षा की अलख जगाता रामकृष्ण मिशन आश्रम, चेरापूंजी
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
चेरापूंजी शहर का प्रमुख पड़ाव है रामकृष्ण मिशन आश्रम। 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित शहर में बने इस आश्रम परिसर वास्तव में बच्चों का एक स्कूल संचालित होता है।
वाहकाबा फाल्स – मीठे मीठे झरने हैं, झरनों का पानी कैसा…
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
शिलांग से चेरापूंजी जाने वाली सड़क काफी अच्छी है। पहाड़ों के साथ चहल कदमी करती सड़क के दोनों तरफ हरियाली खूब है। रास्ते में कई मोड़ आते हैं पर ये मोड़ तीखे नहीं हैं।
एक बार फिर …गुवाहाटी से शिलांग
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
गुवाहाटी से शिलांग के बीट नूंगपो में सुबह सुबह...
यह संयोग ही है कि साल 2016 में दूसरी बार गुवाहाटी से शिलांग जा रहा हूँ। एक जनवरी के बाद एक बार फिर अक्तूबर में। ढिब्रूगढ़ इंटरसिटी गुवाहाटी शहर में प्रवेश कर रही है और साथ साथ सुबह का उजाला हो रहा है।
कब बजेगी शिलांग में रेल की सिटी
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वह साल 2014 में 29 नवंबर का दिन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेघालय के लिए पहली ट्रेन को झंडी दिखा कर रवाना किया। इसके साथ ही आजादी के छह दशक से अधिक समय बाद मेघालय देश के रेल नक्शे पर आ गया।
शिलांग में लें उत्तर भारतीय खाने का स्वाद
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वैसे तो मेघालय पूर्वोत्तर का वैसा राज्य है जहाँ ईसाई संस्कृति हावी है। पर यहाँ आपको उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद लेने में कोई परेशानी नहीं आएगी। खास तौस पर शिलांग शहर में कई ऐसे भोजनालय और मिठाइयों की दुकानें है जहाँ पर उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं।
युद्ध में बहादुरी की दास्ताँ बयाँ करता एयरफोर्स म्यूजियम
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मेघालय की राजधानी शिलांग भ्रमण के दौरान वायु सेना म्युजियम देखना न भूलें। वास्तव में शिलांग में वायु सेना के ईस्टर्न कमांड (पूर्वी कमांड) का मुख्यालय है। पूरे देश में वायु सेना के पाँच कमांड हैं। इसकी स्थापना 1958 में हुई थी। इस कमांड का युद्ध और शांति दोनों की काल में बहुत बड़ा योगदान रहता है। युद्ध के समय आर्मी को हर तरीके से मदद करना तो शांति काल में फंसे हुए लोगों की मदद करने में वायु सेना की बड़ी भूमिका रहती है।