Tag: राजीव रंजन झा
ब्रिक्स बैंक से मिली है विश्व बैंक को चुनौती

राजीव रंजन झा :
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - इन पाँचों देशों के अंग्रेजी प्रथमाक्षरों को मिला कर बना एक शब्द ब्रिक्स इन दिनों सुर्खियों में है। भारत में एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की होगी, जिन्होंने हाल में ही यह शब्द पहली बार सुना होगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा की खबरें सामने आयीं।
बजट 2014 : थोड़ी राहत, थोड़ा सुधार

राजीव रंजन झा :
अरुण जेटली ने आय कर में छूट की सीमा बढ़ा कर मध्यम वर्ग का दिल जीतने की कोशिश की है। अब ढाई लाख रुपये तक कर छूट, धारा 80सी के तहत एक लाख के बदले डेढ़ लाख रुपये तक की छूट और आवास ऋण के ब्याज पर डेढ़ लाख के बदले दो लाख रुपये की छूट को जोड़ कर देखें, तो कर छूट की सीमा छह लाख रुपये पर पहुँच गयी है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2013-14 : अर्थव्यवस्था सँभलने की उम्मीद और नसीहतें

राजीव रंजन झा :
केंद्रीय बजट से एक दिन पहले संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2013-14 ने देश की वित्तीय हालत का प्रतिबिंब सामने रखा है। इसमें एक तरफ जहाँ यह उम्मीद जतायी गयी है कि 5% से कम विकास दर के दौर से अर्थव्यवस्था उबरने वाली है, वहीं सरकार को अपने घाटे पर नियंत्रण पाने, महँगाई पर काबू रखने और निवेश के माहौल को सुधारने की सलाह दी गयी है।
घोषणाओं की रेल के आगे

राजीव रंजन झा :
सदानंद गौड़ा के ब्रीफकेस से कोई भभूत नहीं निकला, कोई चमत्कार नहीं हुआ। बुलेट ट्रेन की घोषणा जरूर हो गयी, लेकिन रेल बजट का पूरा भाषण सुनने के बाद लोगों को लगा कि अरे, पहले के भाषण भी तो ऐसे ही होते थे!
राजनीति की मौकापरस्ती बनाम रेलवे का कायाकल्प

राजीव रंजन झा :
लोकसभा चुनाव के नतीजों की गहमागहमी के बीच 16 मई को एक खबर कब आयी और किधर खो गयी, किसी को पता भी नहीं चला था। खबर यह थी कि आम चुनाव समाप्त होते ही रेलवे ने यात्री किरायों में 14.2 प्रतिशत और माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा कर दी और यह वृद्धि 20 मई से लागू होगी।
क्यों अलोकतांत्रिक है आनंदी बेन के चयन का तरीका

राजीव रंजन झा :
नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उन्हें मिले विशाल जनादेश की ओट में आनंदी बेन पटेल का मुख्यमंत्री चुना जाना लोकतांत्रिक परंपरा के बारे में कुछ सवाल खड़े कर जाता है।
चुनावी नतीजों पर याद आती कुछ पुरानी बातें

राजीव रंजन झा :
लोक सभा चुनाव में भाजपा को अकेले अपने दम पर बहुमत पाने के बाद मुझे बीते साल दो तीन साल में लिखी अपनी बहुत-सी पुरानी बातें याद आ रही हैं। क्या भूलूँ क्या याद करूँ? ...क्या-क्या गिनाऊँ?
भाजपा मुसलमानों से दूर, या मुसलमान भाजपा से दूर?

राजीव रंजन झा :
भाजपा पर यह आरोप रहा है कि वह मुसलमानों से दूरी बनाये रखती है। उसका अब तक का चाल-चरित्र-चेहरा बताता है कि इस आरोप को निराधार नहीं कहा जा सकता।
बस औपचारिकता निभाने के लिए जारी कांग्रेसी घोषणा-पत्र

राजीव रंजन झा :
कल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा-पत्र पेश किया, जिसके बारे में ज्यादातर टिप्पणियाँ अनुत्साही ही मिलीं।
केजरीवाल (Kejriwal) ने क्यों किया सरकार का बलिदान

राजीव रंजन झा (Rajeev Ranjan Jha)
हाँ, मुझे यकीन नहीं था कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को झोली भर कर इतनी सीटें दे देगी। लेकिन मैंने यह भी नहीं सोचा था कि केजरीवाल बिल्ली के भाग से छींका टूटे वाली शैली में अपनी झोली में आ गिरे इस अवसर को यूँ गँवा देंगे।