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मुलायम की बिसात पर क्या राहुल क्या मोदी
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
नेताजी से ज्यादा यूपी की राजनीति कोई नहीं समझता। और सियासत की जो बिसात खुद को पूर्वांचल में खड़ा कर नेताजी ने बनायी है, उसे गुजरात से आये अमित शाह क्या समझे और पुराने खिलाड़ी राजनाथ क्या जाने।
प्रियंका के प्रति मेरी सहानुभूति
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रियंका वाड्रा ने शिकायत की है कि उनके भाई और मां के चुनाव क्षेत्र में कई लोग ऐसी पुस्तिकाएँ बंटवा रहे हैं, जो घोर आपत्तिजनक हैं। ये पुस्तिकाएँ वे रात के अंधरे में लोगों के घरों में डलवा रहे हैं।
अमेठी का बदला बनारस में?
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
इसे अघोषित समझौता कहें। या एक राजनीतिक परिपाटी। पर कुछ अपवादों को छोड़ ऐसा होता आया है। बड़े नेता चाहे देश भर में घूम-घूम कर एक-दूसरे पर तीखे और करारे हमले करें, मगर एक-दूसरे के चुनाव क्षेत्रों में प्रचार करने नहीं जाते।
तो अच्छे दिन ऐसे आयेंगे…
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
सोने का पिंजरा बनाने के विकास मॉडल को सलाम ..
एक ने देश को लूटा, दूसरा देश को लूटने नहीं देगा। एक ने विकास को जमीन पर पहुँचाया। दूसरा सिर्फ विकास की मार्केटिंग कर रहा है।
इति श्री रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) पुराण
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
अमेरिका के अखबार वाल स्ट्रीट जनरल ने रॉबर्ट वाड्रा की जमीन की बात की है। भारतीय मीडिया रॉबर्ट वाड्रा की जमीन की बात करता रहता है। इतनी जमीन, उतनी कितनी जमीन, कांग्रेस में उनसे ज्यादा जमीन से जुड़ा नेता कौन है, बतायें?
पटरी से उतरता कांग्रेस का अभियान?
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी ही खींची लक्ष्मण रेखा शुक्रवार को पार कर ली। जम्मू के डोडा में एक चुनावी सभा में उन्होंने एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर पहली बार व्यक्तिगत हमला किया।
राहुल-सोनिया को बीजेपी की चुनौती
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
तो आखिरकार बीजेपी ने अमेठी और रायबरेली से अपने उम्मीदवारों के नामों का ऎलान कर ही दिया।
लो आ गया घोड़े पर सवार राजकुमार!
देश मंथन डेस्क
यह महज संयोग है या नरेंद्र मोदी और उनकी टीम का सोचा-समझा प्रचार, कहना मुश्किल है। मगर राहुल गांधी ने करीब साल भर पहले सीआईआई में अपने भाषण में जिस तरह से घोड़े पर किसी राजकुमार के आने की बात कही थी, बिल्कुल उसी अंदाज में एक सफेद घोड़े पर सवार नरेंद्र मोदी का चित्र सामने आया है।
निखर कर सामने आये हैं राहुल गांधी (Rahul Gandhi)
विनोद शर्मा, राजनीतिक संपादक, हिंदुस्तान टाइम्स
एआईसीसी के सत्र में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का भाषण उनके अपने मानक से अब तक सबसे बेहतरीन भाषण था। इसमें हँसी-मजाक, जोश और वादे थे। कुल मिला कर संतुलित भाषण था।