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सम्राट अशोक ने बनवाया था साँची का स्तूप

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
दिसंबर 1994 की सर्दियों का समय था जब किसी काम से भोपाल जाना हुआ। पहले दिन को साउथ तांत्या टोपे नगर (टीटी नगर) में यूथ होस्टल में ठहरा। अगले दिन एनवाईपी के भाई प्रिय अभिषेक अज्ञानी आकर अपने घर ले गये। उनके घर हफ्ते भर रहा। इस दौरान वह रोज मुझे मार्ग समझा देते और मैं अपनी मर्जी से अकेले भोपाल और आसपास घूमता रहता। एक दिन साँची जाने को तय किया। सो सुबह सुबह ट्रेन पकड़ी पहुँच गया साँची। साँची में विशाल बौद्ध स्तूप तो है ही। साँची मध्य प्रदेश के दूध का ब्रांड भी है। ठीक वैसे ही जैसे बिहार का सुधा, यूपी का पराग, हरियाणा का वीटा, पंजाब का वेरका, कर्नानटक का नंदिनी
तेरे नाम पे सबको नाज है, उसका नाम गरीब नवाज है…

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
1998 के वसन्त में पहली बार अजमेर की यात्रा पर गया था। जयपुर के बाद बस से अजमेर। फिर पुष्कर। एक बार फिर 2008 के मार्च में अनादि और माधवी के साथ अजमेर जाना हुआ। आज इच्छा हुई ख्वाजा को याद किया जाए।
भरतपुर का संग्रहालय : 56 खंभे लाल दीवारें

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
भरतपुर किले के अंदर भरतपुर स्टेट म्यूजियम स्थित है जिसको देखे बिना आपकी भरतपुर यात्रा अधूरी है। ऑटो रिक्शा वाला मुझे भरतपुर किले के मुख्य द्वार पर छोड़ देता है। पुल पारकर अष्टधातु गेट से मैं अंदर प्रवेश करता हूँ। कई घोड़ा गाड़ी दिखायी देते हैं। यानी भरतपुर शहर में अभी भी घोड़ा गाड़ी चलते हैं। मैं देखता हूँ कि किले के मुख्य द्वार के अंदर भी आबादी बसी है। दुकाने हैं लोगों के घर हैं। थोड़ी दूर आगे चलने पर टाउन हाल आता है। यहाँ से बाईं तरफ चलने पर स्टेट म्यूजियम का पता पा लेता हूँ। गरमी है इसलिए रूक कर जूस पीता हूँ। संग्राहलय के प्रवेश द्वार पर टिकट घर है। प्रवेश टिकट 10 रुपये का है।
पुण्य सलिला माँ गंगा का मन्दिर – गंगा महारानी मन्दिर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
गंगा महारानी का मन्दिर राजस्थान के भरतपुर शहर का बहुत ही सुंदर मन्दिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके बनने में 90 साल का समय लगा था। यह मन्दिर भरतपुर किले के मुख्य द्वार के सामने स्थित है। मन्दिर की वास्तुकला देखते ही बनती है। मन्दिर के अंदर मगरमच्छ पर सवार माँ गंगा की प्रतिमा है।
झूमते बाजरे के साथ चलता सफर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
श्रीमहाबीर जी से करौली जाना चाहता हूँ। छोटे से बस स्टैंड पर बसें कम आती हैं। लोग बताते हैं कि आप जीप से खेड़ा तक चले जाओ वहाँ से बसें मिल जाएँगी। खेड़ी की जीप में बैठता हूँ। रेलवे स्टेशन श्री महाबीर जी के पास जाकर जीप थोड़ी देर के लिए रूक जाती है। मैं सुबह के नाश्ते में कचौड़ियाँ खाता हूँ। जीप खेड़ा गाँव में पहुँचा देती है। पर वहाँ पता चलता है चौक से गली होकर मुख्य सड़क पर जाइए वहाँ से साधन मिल सकेगा। पैदल चलकर हिंडौन करौली हाईवे पर पहुँचता हूँ। एक जीप वाले मिलते हैं वे करौली ले जाने को तैयार हैं। जीप में बैठ जाता हूँ। सड़क के दोनों तरफ खेतों में बाजरे की फसल झूम रही है।
अति सुंदर नक्काशियों वाला महल – सिटी पैलेस करौली

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
करौली बस स्टैंड की तरफ से पैदल चलते हुए बाजार की ओर बढ़ रहा हूँ। थोड़ी देर में एक गेट आता है। इसका नाम है हिंडौन गेट। गेट के आसपास घना बाजार है। आसपास में पतंगों की दुकानें लगी हैं। पर पुराना गेट अभी भी अच्छी हालत में है। किसी समय में करौली शहर में ऐसे छह दरवाजे थे। इसके अलावा दुश्मन का मुकाबला करने के लिए 11 परकोटे भी थे। करौली शहर पंचना नदी के तट पर बसा है। नदी पर बने डैम से शहर को पानी मिलता है। नदी पर बना बाँध मिट्टी का है।
करौली का अदभुत मदन मोहन मन्दिर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
कान्हा जी यानी मदन मोहन जी का मन्दिर करौली किले में मुख्य शहर में स्थित है। इस मन्दिर का निर्माण महाराजा गोपाल सिंह ने करवाया था। इस मन्दिर में भगवान कृष्ण और देवी राधा की प्रतिमाएँ हैं। करौली के निवासियों में मदन मोहन के प्रति अपार श्रद्धा और आस्था है। श्रीकृष्ण भगवान के अनेक नामों में से एक प्रिय नाम मदन मोहन भी है।
एक चार मीनार और रंग हजार

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
हैदराबाद शहर की पहचान चार मीनार से है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्मारक है चार मीनार। 400 साल से ज्यादा हो गये, चार मीनार शान से खड़ा है। चार मीनार को मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने बनवाया था। सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह, कुतुब शाही राजवंश का पाँचवाँ शासक था। इसका निर्माण 1591 ई में हुआ।
जय माँ कैला देवी में डाकू भी आते हैं मन्नत माँगने

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
राजस्थान के करौली जिले में शक्ति की देवी कैला देवी का मन्दिर सुन्दर है। इस मन्दिर के प्रति राजस्थान, मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के लोगों में अगाध आस्था है। यहाँ तक की चंबल के क्षेत्र में सक्रिय डाकू भी इस मन्दिर में माँ की आराधना करने आया करते थे।
24वें तीर्थंकर का अनूठा दिगंबर जैन मन्दिर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर श्री महावीर का अदभुत मन्दिर राजस्थान के करौली जिले में स्थित है। इस मन्दिर के नाम पर ही मथुरा सवाई माधोपुर के मध्य श्री महावीर जी नामक रेलवे स्टेशन है। यह मन्दिर दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध है। देश भर के दिगंबर जैन मतावलंबियों की इस मन्दिर में अगाध श्रद्धा है।