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गाँधी हिल्स – बापू की याद में पहाड़ी पर स्मारक

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बापू की स्मृतियाँ जहाँ-जहाँ हम वहाँ-वहाँ। विजयवाड़ा के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है गाँधी हिल्स। ये पहाड़ी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 के सामने है। सड़क के बगल में प्रवेश द्वार है। यहाँ आपको 10 रुपये का टिकट लेकर प्रवेश करना पड़ता है। प्रवेश का समय शाम 4.30 बजे से रात्रि 8 बजे तक का है। शहर की एक पहाड़ी पर माँ कनक दुर्गा बसती हैं तो दूसरी पहाड़ी पर गाँधी जी। देश के आजाद होने के बाद बापू की याद में यह कोई पहला स्मारक है जो किसी पहाड़ी पर बना है।
विजयवाड़ा का कनक दुर्गा मंदिर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
कनक दुर्गा का भव्य मंदिर विजयवाड़ा शहर के बीचों बीच पहाड़ी पर है। तिरूपति के बाद यह आंध्र प्रदेश के भव्य मंदिरों में से एक है। यहाँ पर सालों भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
श्री हुजुर साहिब सचखंड गुरुद्वारा – दशमेश पिता की याद

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर में स्थित हुजुर साहिब का ऐतिहासिक गुरुद्वारा गोदावरी नदी से कुछ ही दूरी पर स्थित है। खालसा पंथ के पाँच तख्तों में से एक सचखंड साहिब। इसे तख्त सचखंड श्री हुजुर अबिचल नगर साहिब के नाम से भी जाना जाता है।
आइए फेयरी क्वीन को करें याद

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
भारतीय रेलवे के लोकोमोटिव (इंजन) के इतिहास में फेयरी क्वीन का अपना अनूठा महत्व है। जब हम विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन के बाहर निकलते हैं तो स्टेशन के लॉन में फेयरी क्वीन लोकोमोटिव खड़ी दिखायी देती है। मानो अभी चल पड़ने को तैयार हो। वास्तव में ये मूल फेयरी क्वीन नहीं है। पर रेलवे के इंजीनियरों ने इसका बिल्कुल वैसा ही रेप्लिका तैयार किया है। तो इस फेयरी क्वीन को भी देर तक निहारने की जी चाहता है।
कस्तूरबा गाँधी का घर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बापू का घर देख लिया तो अब चलिए बा यानी बापू की पत्नी कस्तूरबा गाँधी का घर देखने चलें। जब आप पोरबंदर में बापू का घर देखने जाते हैं तो बापू की पत्नी कस्तूरबा गाँधी का घर देखना नहीं भूलें। बा का घर कीर्ति मंदिर के ठीक पीछे है। कीर्ति मंदिर देख लेने के बाद इसके पिछवाड़े से ही बा के घर जाने का रास्ता है। रास्ते में घर जाने के लिए मार्ग प्रदर्शक लगा हुआ है।
अति व्यस्त रेलवे स्टेशन पर कायम है स्वच्छता – विजयवाड़ा

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वैसे तो विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश का सबसे भीड़भाड़ वाला रेलवे स्टेशन है। स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफार्म हैं। रोज सैकड़ों गाड़ियाँ गुजरती हैं। पर स्टेशन पर साफ सफाई का जो आलम है उसमें रेलवे को धन्यवाद देने का जी चाहता है। हमारी मिलेनियम एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 7 पर पहुँची। समय से पहले। हमारे पास दो घंटे का समय था। कुल 29 घंटे ट्रेन में था।
चामुंडा अनाज रखने के लिए बना था पटना का गोलघर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बिहार की राजधानी पटना की जिन इमारतों से पहचान है उनमे गोलघर भी एक है। गाँधी मैदान के पास स्थित गोलघर 33 मीटर यानी 96 फीट ऊँचा है। चढ़ने और उतरने के लिए अलग-अलग सीढ़ियाँ हैं। कुल 146 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। आपको ज्यादा सीढ़ियाँ चढ़ने का इल्म नहीं है तो कुछ मुश्किल आ सकती है। क्योंकि रास्ते में कहीं ठहराव नहीं है।
लेटे हुए हनुमान जी यानी भद्र मारूति

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
देश में बजरंग बली के लाखों मंदिर होंगे, पर इनमें खुल्ताबाद का भद्र मारुति मंदिर काफी अलग है। एलोरा गुफाओं के बाद हमारा अगला पड़ाव था भद्र मारूति। खुल्ताबाद गाँव में स्थित इस मंदिर में लेटे हुए हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है। इस तरह के लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा देश में सिर्फ इलाहाबाद में हैं। एलोरा से भद्रा मारूति की दूरी तीन किलोमीटर है।
जायका रतलाम के सेव का

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
हमारी ट्रेन जब भी रतलाम से होकर गुजरती है मैं रतलामी सेव का एक पैकेट जरूर खरीदता हूँ। वैसे तो सेव इंदौर और उज्जैन के भी प्रसिद्ध हैं पर रतलामी सेव की बात अलग है। रतलाम मध्य प्रदेश का शहर है। यह रेलवे का बड़ा जंक्शन है।
राष्ट्रीय रेल भिंडी बाजार से होकर गुजरना….

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
भक्ति पार्क मोनो रेल स्टेशन से सीएसटी की तरफ जाना था। अचानक बेस्ट की बस नंबर 45 दिखायी देती है। इस पर मंत्रालय लिखा था। हमने पूछा सीएसटी होकर जाती है। उत्तर हाँ में मिलने पर हम बस में सवार हो गये। बस में सीट मिल गयी। पर आने वाले स्टाप पर भीड़ बढ़ने लगी।



विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :





