Tag: शाहरुख खान
धुआँ-धुआँ बॉलीवुड एक दिन धुएँ में खो जायेगा
आप जैसा उदाहरण प्रस्तुत करेंगे, बच्चे वैसा ही करेंगे
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
करीब चार साल पहले मैं मुंबई में आमिर खान के घर बैठा था। आमिर खान नपा तुला खाना खा रहे थे क्योंकि फिल्म धूम के लिए उन्हें अपनी बॉडी बनानी थी। उन्होंने मुझे बताया कि अब वो सिगरेट नहीं पीते। मुझे बहुत खुशी हुई थी कि उन्होंने सिगरेट छोड़ दी।
आइए खूबियाँ ढूँढते हैं
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
मैंने कल लिखा था न कि मेरी मुलाकात दिल्ली वाले लड़के से होगी।
आँखों से सितारा बनते देखा
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
आज मैं दिल्ली के उस लड़के से फिर मिलूँगा जो लाखों-करोड़ों लोगों के लिए एक काल्पनिक संसार बन गया है। मैं उससे जब भी मिलता हूँ, यह सोच कर मन ही मन हैरान होता हूँ कि अगर वो वो नहीं होता तो क्या होता?
क्या चाहिए आपको, लोकतंत्र या धर्म-राज्य?
कमर वहीद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार :
सिर्फ बीस दिन हुए थे। शायद ही ऐसा पहले कभी हुआ हो। देश में कोई नयी सरकार बनी हो और महज बीस दिनों में ही यह या इस जैसा कोई सवाल उठ जाये! तारीख थी 14 जून 2014, जब 'राग देश' के इसी स्तम्भ में यह सवाल उठा था-2014 का सबसे बड़ा सवाल, मुसलमान!
मर्दानगी
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
आज जो कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ, वो पता नहीं क्यों मुझे लग रहा है कि मैंने पहले भी आपको सुनायी है।
गलत गलत होता है, न वहाँ देर है, न अन्धेर
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूँ जो खूब सिगरेट पीते हैं, शराब पीते हैं, जो दिल में आता है खाते हैं और स्वस्थ रहते हैं।
जब शाहरुख ने फिल्म निर्माता से माँगा मकान
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मैं अभी दिल्ली में जिस फ्लैट में रहता हूँ, उसके बारे में मेरी पत्नी को लगता है कि छोटा है। मुझे लगता है कि ढाई लोगों के परिवार में तीन बेड रूम कम तो नहीं! उपर से ठीक-ठाक आकार का ड्राइंग-डाइनिंग रूम भी है, बड़ी-सी बॉलकनी है, लंबी चौड़ी छत है, घर के नीचे बीएमडब्लू है। लेकिन मेरी पत्नी को फिर भी लगता है कि मकान तो और बड़ा होना चाहिए। कितना बड़ा, यह नहीं पता।
शाहरुख को चाहिए अपना निजी विमान
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मुझे कभी पैसे की कमी नहीं महसूस हुई। जब डेढ़ हजार रुपये महीने के मिलते थे, तब भी नहीं और आज तो बिल्कुल नहीं।