Tag: शिकायत
माफ कीजिए, इंसानियत का खून बहाने के लिए कैसे दूँ शुभकामनाएं?
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
मेरे एक प्रिय मुस्लिम भाई ने शिकायत की कि देश-दुनिया के मुद्दों पर तो आप ख़ूब लिखते हैं, लेकिन हमें बकरीद की शुभकामनाएं तक नहीं दीं। क्या आप मुसलमानों को अपना भाई-बहन नहीं मानते? मुझे लगा कि यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब मुझे सार्वजनिक रूप से देना चाहिए, क्योंकि इससे मुझे समाज, सियासत और धर्म में व्याप्त बुराइयों पर चोट करने में मदद मिलेगी।
सबसे खतरनाक, सपनों को मराना
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
सुबह नींद खुल गयी थी और कम्यूटर को ऑन करने जा ही रहा था कि दरवाजे पर घंटी बजी।
चंद्रवती
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मेरी पत्नी की छोटी बहन का नाम है आभा। ईश्वर की ओर से मुझे बतौर साली वो मिली है। है तो पूरी अंग्रेजी वाली और मुझे नहीं लगता कि उसने अपनी जिन्दगी में हिंदी की कोई किताब पूरी पढ़ी होगी। प्रेमचंद का नाम सुना है, पर मेरा दावा है कि उनकी एक भी कहानी उसने किताब में आँखें गड़ा कर नहीं पढ़ी होगी। दो चार कहानियाँ मेरे मुँह से सुन कर ही हिंदी साहित्य का उसका भरा-पूरा ज्ञान हम सबके सामने है।
बहू भी सास बनेगी
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
जब भी मैं सास-बहू की कहानी लिखता हूँ और उसमें लिखता हूँ कि बहू ने सास को सताया, सास को किसी आश्रम में जाना पड़ा, तो मेरे पास ढेर सारे संदेश आने शुरू हो जाते हैं। ज्यादातर संदेश बहुओं के होते हैं। सबकी शिकायत करीब-करीब एक सी होती है।
रिश्तों के कपड़े
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
“माँ, मैं इस बार लाल फूलों वाली कमीज नहीं पहनूँगा।”
न्यायाधीशों के खिलाफ भी अब कर सकेंगे शिकायत!
देश मंथन डेस्क :
प्रायः हम सभी न्याय पाने की जुगत में न्यायालय की शरण में खड़े होते हैं और कई दफा हम न्याय के मंदिर में बैठे न्यायमूर्ति की न्याय से असंतुष्ट भी होते हैं, लेकिन न्यायमूर्ति के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हमारे पास अधिकार सीमित हैं, लेकिन अब आगे ऐसा नहीं होगा।