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जम्हाई लेते जंगलों के बीच ओरछा
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बलखाती बेतवा, जम्हाई लेते जंगलों के बीच छिपा है ओरछा। वैसे ओरछा का मतलब ही होता है छिपा हुआ। तो छिपा हुआ सौंदर्य ही है ओरछा, जिसकी तलाश में दुनिया भर से सैलानी यहाँ पहुँचते हैं। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले का शहर। पर टीकमगढ़ यहाँ से 90 किलोमीटर है। यूपी का झांसी शहर 16 किलोमीटर है। इसलिए ओरछा पहुँचे का सुगम रास्ता उत्तर प्रदेश के झांसी शहर से है।
गीत गाया पत्थरों ने : अजन्ता
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
यहाँ पत्थरों में सुनाई देता है संगीत। अनवरत संगीत। प्राणों को झंकृत कर देने वाला संगीत। जो अन्यत्र दुर्लभ है।
सैकड़ों साल हजारों कलाकारों की अनवरत तपस्या की परिणति है अजन्ता की गुफाएँ।
अजन्ता की गुफाओं में बनी कलाकृतियों में हजारों शिल्पियों के श्रम और साधना को महसूस किया जा सकता है।
माथेरन में देना पड़ता है प्रवेश शुल्क
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
माथेरन देश में एक ऐसा शहर है जहाँ हर सैलानी को प्रवेश शुल्क देना पड़ता है । आजकल हर बाहरी वयस्क के लिए 50 रुपये और बच्चों के लिए 25 रुपये ।