Thursday, August 21, 2025
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पापू यहीं कहीं हैं… क्योंकि शब्द रहते हैं हमेशा जिंदा

विद्युत प्रकाश मौर्य:

पापू नहीं रहे। हाँ, उनके बच्चे और उनसे करीब से जुड़े हुए लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे। पापू यानी रॉबिन शॉ पुष्प। उन्होंने 30 अक्तूबर 2014 को अपने तमाम चाहने वालों का साथ छोड़ दिया। लेकिन पापू जैसे शब्द-शिल्पी कभी इस दुनिया से जाते हैं भला? नहीं जाते, क्योंकि शब्द मरा नहीं करते।

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