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‘आप’ की झाड़ू, ‘आप’ पर!
क़मर वहीद नक़वी, पत्रकार :
आम आदमी पार्टी का बनना देश की राजनीति में एक अलग घटना थी। वह दूसरी पार्टियों की तरह नहीं बनी थी। बल्कि वह मौजूदा तमाम पार्टियों के बरअक्स एक अकेली और इकलौती पार्टी थी, जो इन तमाम पार्टियों के तौर-तरीकों के बिलकुल खिलाफ, बिलकुल उलट होने का दावा कर रही थी। उसका दावा था कि वह ईमानदारी और स्वच्छ राजनीतिक आचरण की मिसाल पेश करेगी। इसलिए 'आप' के प्रयोग को जनता बड़ी उत्सुकता देख रही थी कि क्या वाकई 'आप' राजनीति में आदर्शों की एक ऐसी लकीर खींच पायेगी कि सारी पार्टियों को मजबूर हो कर उसी लकीर पर चलना पड़े।
तो अब सिद्धू भैया का करिहैं…
संदीप त्रिपाठी :
नवजोत सिंह सिद्धू अब क्या करेंगे? पूर्व क्रिकेटर, कमेंटेटर, कॉमेडी शो जज और भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, जो पंजाब में भाजपा विधायक और संसदीय सचिव थीं, उन्होंने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालाँकि अभी इन दोनों ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन इनके आम आदमी पार्टी में जाने के कयास खूब लग रहे हैं। सवाल यह है कि अब सिद्धू क्या करेंगे?
दूसरे करें तो रासलीला, ‘आप’ करे तो कैरेक्टर ढीला
संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन :
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना कर उनके लाभ की कथित व्यवस्था करने के आरोपी अरविन्द केजरीवाल से उम्मीद की जा रही है कि वे अपने विधायकों का इस्तीफा करवा दें और चुनाव हो जाने दें।
उफ्फ टोपी, हाय टोपी
पुराणिक, व्यंग्यकार :
अभी कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाया गया, कई नेता गाँधी टोपी में थे, बहुत अश्लील लग रहे थे। पर उनसे ज्यादा वह टोपी अश्लील लग रही थी।
बीत गये 49 दिन,लापता है जन लोकपाल
संदीप त्रिपाठी :
दिल्ली में आप की सरकार बने और अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बने आज (4 अप्रैल,(शनिवार) 50वाँ दिन है। पिछली बार सरकार 49 दिन चली थी। तब अरविंद केजरीवाल ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि विपक्ष जन लोकपाल पारित करने में सहयोग नहीं कर रहा है।
‘आप’ का क्या होगा जनाब-ए-आली?
कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार :
‘आप’ बड़े ताप में है! पारा गरम है। पार्टी तप रही है। तलवारें फिर तनी हैं।
दिल पे ना लें
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
आम आदमी पार्टी में कई मित्र हैं, बहुत से मित्र परेशान हैं, कुछ का कहना है कि अब केजरीवाल का पतन शुरू हो जायेगा।
आप : गतांक से आगे का आख्यान
सुशांत झा, स्वतंत्र पत्रकार :
यह एक व्यंग्य है, कृपया तथ्य ढूंढेंगे तो आपकी हालत योगेंद्र यादव सी हो सकती है!
केजरी और यादव-भूषण झगड़े का जोड़ हमारे महान इतिहास-पुराण में जरूर कहीं न कहीं होगा।
आम आदमी पार्टी में कुछ बड़ा होगा
राणा यशवंत :
इस बात के पूरे आसार बन गये हैं कि आप की पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी से योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का पत्ता साफ होगा। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के अब मुख्यमंत्री हैं और आम आदमी पार्टी का कनवेनर पद अब भी उन्हीं के पास है। पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास की चिट्ठी जो पिछले हफ्ते आई वो इस बात पर सवाल खड़ा करती है।
केजरीवाल अगर ऐसे सरकार चलायें, तो….?
क़मर वहीद नक़वी :
आम आदमी गजब चीज है! किसी को भनक तक नहीं लगने देता कि वह क्या करने जा रहा है। वरना किसे अंदाज था कि सिर्फ नौ महीनों में ही दिल्ली घर घर मोदी से घर घर मफलर में बदल जायेगी!