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हम सब एक हैं बस टीवी में नहीं हैं
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
मीडिया में जो चुनाव दिखता है वो चुनाव की हक़ीकत के बहुत करीब नहीं होता। हम तक जो पहुँचता है या परोसा जाता है वो मीडिया के पीछे होने वाली गतिविधियों का दशांश भी नहीं होता। जो सवाल होते हैं वो हवाई होते हैं और जो जवाब होते हैं वो करिश्माई।
वैधानिक चेतावनी : हिटलर और केजरीवाल की इन तस्वीरों में संबंध नहीं
जैसे-जैसे चुनावी सरगर्मियाँ परवान चढ़ रही हैं, वैसे-वैसे विभिन्न दलों के बीच जुबानी जंग भी तीखी होती जा रही है। लेकिन नेताओं की जुबानी जंग के बीच सामाजिक माध्यमों (सोशल मीडिया) पर लोगों की रचनात्मकता भी खूब गुल खिला रही है।
बनारस का विरोध रस
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
बनारस इस चुनाव का मनोरंजन केंद्र बन गया है। बनारस से ऐसा क्या नतीजा आने वाला है जिसे लेकर कृत्रिम उत्सुकता पैदा की जा रही है।
मोदी और केजरीवाल के 27 भेद
अभिरंजन कुमार :
बनारस में भारत माता के दो सच्चे सपूतों नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के बीच होने वाले मुकाबले में 12 मई को जनता को फैसला सुनाना है।
क्यों बरसे मोदी केजरीवाल पर?
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले चाँदनी चौक पर नरेंद्र मोदी ने की थी एक जनसभा।
झाड़ू यानी नोटा?
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
चुनावों में एक नया चलन शुरू हुआ है। नोटा का। यानी नन ऑफ द अबव (ऊपर दिए गये में से कोई नहीं) का।
‘आप’ का ‘आपना’ सिब्बल!
केंद्रीय संचार मंत्री और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इंटरनेट पर अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन कुछ वेबसाइटों पर दिख रहे उनके प्रचार की पंक्ति लोगों को मुस्कुराने पर विवश कर रही है।
भारतीय राजनीति की ड्रामा क्विन
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
जिस वक्त अरविंद केजरीवाल बतौर दिल्ली के मुख्यमंत्री रेल भवन पर धरने पर बैठे थे. तब मेरा वहां से गुजरना हुआ।
बीजेपी बनाम आम आदमी पार्टी
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
बुधवार को नई दिल्ली के 11 अशोक रोड़ स्थित बीजेपी मुख्यालय पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच हिंसक मुठभेड़ हुई।
केजरीवाल (Kejriwal) ने क्यों किया सरकार का बलिदान
राजीव रंजन झा (Rajeev Ranjan Jha)
हाँ, मुझे यकीन नहीं था कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को झोली भर कर इतनी सीटें दे देगी। लेकिन मैंने यह भी नहीं सोचा था कि केजरीवाल बिल्ली के भाग से छींका टूटे वाली शैली में अपनी झोली में आ गिरे इस अवसर को यूँ गँवा देंगे।