Friday, March 29, 2024
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कुमार विश्वास, अगर आपमें दम है, तो दिल्ली में सरकार बनाकर दिखाएं

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

कुमार विश्वास सैनिकों की बात करते हैं और सैनिक कभी मैदान छोड़कर नहीं भागते। इसिलए अगर उनमें दम है, तो केजरीवाल से इस लड़ाई को वे जीतकर दिखाएं। और अगर दम नहीं है, तो उनका हश्र भी वही होने वाला है, जो इस पार्टी में दूसरे तमाम को-फाउंडर्स का हुआ है।

मोदी की जीत कहकर केजरीवाल की हार को छोटी मत कीजिए!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

मीडिया हर रोज पीएम मोदी का जादू टेस्ट करता है। एमसीडी चुनाव में बीजेपी की जीत को भी वह पीएम मोदी का ही जादू बता रहा है। लेकिन वह यह बताने में संकोच कर रहा है कि यह बीजेपी की जितनी बड़ी जीत नहीं है, उससे कहीं अधिक बड़ी केजरीवाल की हार है। शायद विज्ञापन बहादुर केजरीवाल के विज्ञापनों का मोह उसे यह सच बताने से रोक रहा है।

मोदी की जीत कहकर केजरीवाल की हार को छोटी मत कीजिए!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

मीडिया हर रोज पीएम मोदी का जादू टेस्ट करता है। एमसीडी चुनाव में बीजेपी की जीत को भी वह पीएम मोदी का ही जादू बता रहा है। लेकिन वह यह बताने में संकोच कर रहा है कि यह बीजेपी की जितनी बड़ी जीत नहीं है, उससे कहीं अधिक बड़ी केजरीवाल की हार है। शायद विज्ञापन बहादुर केजरीवाल के विज्ञापनों का मोह उसे यह सच बताने से रोक रहा है।

अभिव्यक्ति की आजादी क्या ईद की सेवई है, जिसे हर व्यक्ति को खिलाएँ?

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

अभिव्यक्ति की आजादी हर व्यक्ति के लिए नहीं होनी चाहिए। मसलन, आमिर खान और शाहरुख खान के लिए होनी चाहिए, लेकिन इरफान खान के लिए नहीं होनी चाहिए।

जो धर्म डराए, जो किताब भ्रम पैदा करे, उसे शिद्दत से सुधार की जरूरत!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

जो कट्टरपंथी हैं, वे भी उसी एक किताब से हवाले दे रहे हैं। जो पढ़े-लिखे, उदारवादी और प्रगतिशील हैं, वे भी उसी एक किताब के सहारे सारी थ्योरियां पेश कर रहे हैं।

उत्तम प्रदेश में प्रजापति करते थे प्रजा से बलात्कार- इस तरह बोलता था ‘काम!’

अभिरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार :

इक्कीसवीं सदी की जवानी परवान पर थी। सोलहवाँ साल अभी-अभी पूरा हुआ था। सत्रहवाँ लग चुका था। ‘उत्तम प्रदेश’ में ‘समाजवादी प्रजातंत्र’ का जबर्दस्त जलवा था। जलवा भी ऐसा-वैसा नहीं! बस यूँ समझ लीजिए कि ‘काम’ बोलता था। ‘प्रजातंत्र’ के ‘प्रजापति’ लोग ‘कामुकता’ की पराकाष्ठा पार कर चुके थे। वे मानते थे कि वे ‘प्रजा’ के ‘पति’ हैं, इसलिए उन्हें ‘प्रजा’ के साथ वह सब करने का अधिकार है, जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है। पीड़ित ‘प्रजा’ भले इसे बलात्कार मानती थी, लेकिन वे स्वयं इसे ‘काम’ समझकर ही अंजाम दिया करते थे।

तो उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी लाई कब्रिस्तान?

अभिरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार :

जब मैंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि ‘चुनाव के उत्सव में कब्रिस्तान और श्मशान कहाँ से ले आए मोदी जी?’, इसके बाद मेरे पास तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। जो प्रतिक्रियाएं मेरे सवाल के साथ सहमति में आईं, उन्हें सामने रखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी बात तो मैं कह ही चुका हूँ, लेकिन जो प्रतिक्रियाएं असहमति में आईं हैं, उन्हें स्पेस देना भी जरूरी लग रहा है।

वाह रे मुख्तार तेरी माया, भैया ने ठुकराया, बहन जी ने अपनाया!

अभिरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार :

यह मेरे मुस्लिम भाइयों-बहनों का सौभाग्य है या दुर्भाग्य, कि देश से लेकर प्रदेश तक के चुनावों में ध्रुवीकरण की राजनीति की मुख्य धुरी वही बने रहते हैं? उनका समर्थन और वोट हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों को कौन-कौन से पापड़ नहीं बेलने पड़ते!

समाजवादी गठबंधन को धूल चटाने को बीजेपी-बीएसपी बना सकती है हिडेन एलायंस!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

समाजवादी+कांग्रेस गठबंधन से यह तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश में इस बार मतदाताओं के पास जाति और धर्म से अलग जा कर मतदान करने का विकल्प सीमित या समाप्त हो गया है। विकास का नारा सिर्फ नारा रहेगा, लेकिन मतदान करने के लिये जाति और धर्म ही सबसे बड़ा इशारा रहेगा।

आतंकवाद की आड़ लेकर नोटबंदी का विरोध

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

जिस देश ने 70 साल धैर्य रखा, उसी देश में कुछ लोग 17 दिन में ही अधीर हुए जा रहे हैं। नोटबंदी के आलोचक तरह-तरह की दलीलों के साथ सरकार पर हमले कर रहे हैं। एक दलील यह भी है कि इससे आतंकवाद पर लगाम नहीं लगेगी, बल्कि उल्टे आतंकवाद और बढ़ेगा।

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