Tag: Banaras
ऐ राजा बनारस!
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
रोज देखा जाने वाला, कहा जाने वाला, सुना जाने वाला लिखा जाने वाला और इन सबसे ऊपर जीया जाने वाला शहर है। इसकी इतनी परिभाषाएँ और व्यंजनाएँ हैं कि यह शहर हर लफ्ज के साथ कुछ और हो जाता है।
बनारस क्लब
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
बनारस क्लब गया था। डाक्टर नमित, शिप्रा और बालक शुभम के साथ। शानदार शाम रही। 1848 का यह क्लब है।
बनारस की एक शाम
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
जिसने भी बनारस के चुनाव को अपनी आँखों से नहीं देखा उसने इस चुनाव को देखा ही नहीं। शाम को गंगा के स्पर्श से हवायें मचलने लगी थी।
सिर्फ घाट नहीं है बनारस
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
इस शहर को देखने के लिए लगता है एक ही चश्मा बना है। इस चश्मे से बनारस के घाट दिखते हैं, प्रदूषित और मरनासन्न गंगा जी दिखती है।
अरविन्द एक बार सोच लो, बनारस कहीं ठग ना ले
दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
क्या अजीब इत्तेफाक है! बनारस के तीनों उम्मीदवार मोदी, मुख़्तार और केजरीवाल से जान पहचान है। तीनों से रिपोर्टिंग के रिश्ते आपके लिए अद्भुत, क्रांतिकारी हो सकते हैं। पर दो दशक की पत्रकारिता में ये सामान्य बात है। मैं तो इन रिश्तों का जिक्र सिर्फ इसलिए कर रहा हूँ कि आपको ये ना लगे कि पोस्ट बस यूँ ही लिख दी।