Friday, November 22, 2024
टैग्स Company

Tag: Company

डिमॉन्सट्रेशन

प्रेमचंद :

महाशय गुरुप्रसादजी रसिक जीव हैं, गाने-बजाने का शौक है, खाने-खिलाने का शौक है और सैर-तमाशे का शौक है; पर उसी मात्र में द्रव्योपार्जन का शौक नहीं है। यों वह किसी के मुँहताज नहीं हैं, भले आदमियों की तरह हैं और हैं भी भले आदमी; मगर किसी काम में चिमट नहीं सकते। गुड़ होकर भी उनमें लस नहीं है। वह कोई ऐसा काम उठाना चाहते हैं, जिसमें चटपट कारूँ का खजाना मिल जाय और हमेशा के लिए बेफिक्र हो जायँ। बैंक से छमाही सूद चला आये, खायें और

सूरज एलटीसी पर

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार

मिसेज गुप्ता इस बार मलेशिया हो कर आयी हैं और तुम मिस्टर श्रीवास्तव का क्या मुकाबला करोगे, वो तो यूरोप जा रहे हैं।

- Advertisment -

Most Read

तलवों में हो रहे दर्द से हैं परेशान? इस धातु से मालिश करने से मिलेगा आराम

अगर शरीर में कमजोरी हो या फिर ज्यादा शारीरिक मेहनत की हो, तो पैरों में तेज दर्द सामान्य बात है। ऐसे में तलवों में...

नारियल तेल में मिला कर लगायें दो चीजें, थम जायेगा बालों का गिरना

बालों के झड़ने की समस्या से अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। कई लोगों के बाल कम उम्र में ही गिरने शुरू हो जाते हैं,...

कहीं आप तो गलत तरीके से नहीं खाते हैं भींगे बादाम?

बादाम का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लगभग हर घर में बादाम का सेवन करने वाले मिल जायेंगे। यह मांसपेशियाँ (Muscles)...

इन गलतियों की वजह से बढ़ सकता है यूरिक एसिड (Uric Acid), रखें इन बातों का ध्यान

आजकल किसी भी आयु वर्ग के लोगों का यूरिक एसिड बढ़ सकता है। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द होने लगता है। साथ ही...