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प्रचंड जनादेश का ईवीएम की ओट में अपमान मत कीजिए

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
ईवीएम मशीन पर छेड़छाड़ का आरोप यूपी, उत्तराखंड के जनादेश का क्या अपमान नहीं ? विरोध करने वाले वही हैं जो देश में वर्षों से लूटखसोट में लिप्त रहे हैं। अपना भाड़ सा मुँह खोल कर हर दिन कांग्रेस की टीआरपी गिराने वाले दिग्गी
समाजवादी गठबंधन को धूल चटाने को बीजेपी-बीएसपी बना सकती है हिडेन एलायंस!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
समाजवादी+कांग्रेस गठबंधन से यह तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश में इस बार मतदाताओं के पास जाति और धर्म से अलग जा कर मतदान करने का विकल्प सीमित या समाप्त हो गया है। विकास का नारा सिर्फ नारा रहेगा, लेकिन मतदान करने के लिये जाति और धर्म ही सबसे बड़ा इशारा रहेगा।
क्या गुल खिलायेगी कांग्रेस की अँगड़ाई

संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुका है। कांग्रेस ने हिंदी हृदय प्रदेश में अपना अस्तित्व बचाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी है। इस क्रम में बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रोड शो किया। यह कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की स्टाइल है। शिखर पर जाना है तो सबसे मजबूत से लड़ो। नि:संदेह उत्तर प्रदेश से अगर प्रधानमंत्री हैं और लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने इस सूबे की 80 में से 73 (भाजपा-71, अपना दल-2) सीटों पर कब्जा किया हो तो प्रधानमंत्री की सीट शक्ति की सबसे बड़ी प्रतीक तो मानी ही जायेगी।
कश्मीर में कुछ करिए : स्पष्ट संदेश दीजिए कि ‘नहीं मिलेगी आजादी’

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
गनीमत है कि कश्मीर के हालात जिस वक्त बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं, उस समय भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में नहीं है। कल्पना कीजिए कि इस समय केंद्र और राज्य की सत्ता में कोई अन्य दल होता और भाजपा विपक्ष में होती तो कश्मीर के मुद्दे पर भाजपा और उसके समविचारी संगठन आज क्या कर रहे होते। इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व की समझ और संयम दोनों की सराहना करनी पड़ेगी कि एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते उन्होंने अभी तक कश्मीर के सवाल पर अपनी राष्ट्रीय और रचनात्मक भूमिका का ही निर्वाह किया है।
कांग्रेस 2019 की तैयारी करेगी उत्तर प्रदेश के चुनाव में : विनोद शर्मा

उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनावी समर के लिए कांग्रेस ने अपने सेनापतियों को सामने ला खड़ा किया है। इन नामों को चुनने के पीछे कांग्रेस की रणनीति क्या है, यह जानने के लिए देश मंथन ने बात की कांग्रेस की राजनीति पर पैनी निगाह रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार और हिंदुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा से।
अरुणाचल प्रकरण : अपने खोदे गड्ढे में खुद गिरी भाजपा

संदीप त्रिपाठी :
अरुणाचल प्रदेश प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भारतीय जनता पार्टी की किरकिरी हुई है। भाजपा इस किरकिरी के ही लायक है। वैसे तो इस किरकिरी के लायक कांग्रेस समेत अन्य सभी राजनीतिक दल हैं लेकिन चूँकि कांग्रेस इस फैसले की लाभार्थी है, इसलिए वह अभी मस्त है।
राज बब्बर यूपी में कांग्रेस के लिए कौन से समीकरण साधेंगे

संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने राज बब्बर को अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 9 माह बाकी है, इसलिए तब तक कोई नियुक्ति होगी, वह चुनाव की दृष्टि से मानी जायेगी। तो देखना पड़ेगा कि कांग्रेस ने राज बब्बर को अध्यक्ष नियुक्त कर कौन से समीकरण साधे हैं।
उत्तर प्रदेश में दाँव पर प्रशांत किशोर की साख

संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव किसके लिए वाटरलू साबित होगा?, यह सवाल बड़ा मौजू है। सामान्य तौर पर देखा जाये तो सबसे बड़ा दाँव मायावती की बहुजन समाज पार्टी और नरेंद्र मोदी-अमित शाह की भारतीय जनता पार्टी का है। समाजवादी पार्टी सरकार में होने के कारण बचाव की मुद्रा में है तो कांग्रेस अभी तक कहीं लड़ाई में नहीं आयी है। लेकिन इस विधानसभा में इन चारों दलों से बड़ा दाँव चुनाव रणनीतिकार और प्रबंधक के रूप में ख्यात प्रशांत किशोर का लगा है।
जरा नजाकत से सँभालें कश्मीर : कांग्रेस की सलाह

अभिषेक मनु सिंघवी, प्रवक्ता, कांग्रेस :
जहाँ तक हमारे संविधान की सीमाओं का सवाल है, और जहाँ तक भारत की अक्षुण्णता एवं सुरक्षा का सवाल है, उसमें किसी रूप से कोई समझौता नहीं हो सकता है।
राहुल बाबा फिर विदेश चले गये हैं

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
राहुल बाबा फिर विदेश चले गए हैं।
किस देश गए हैं, बताकर नहीं गये, वरना जरूर बताता।