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किसके पड़ोस में
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
इश्तिहारी होर्डिंग्स बताती हैं कि फिल्म स्टार नीतू सिंह जी और ऋषि कपूर जी एनसीआर-नेशनल केपिटल रीजन की एक हाऊसिंग योजना में दिलचस्पी रखते हैं, आप चाहें, तो इनके पड़ोसी हो सकते हैं। इस एड से दूसरे आशय भी निकलते हैं।
करोड़ टके का सवाल : कंगारूओं से धोनी एंड कंपनी पार पा सकेगी?
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
बताने की जरूरत नहीं कि रविवार को मेजबान भारत और आस्ट्रेलिया के बीच मोहाली में होने वाला ग्रुप बी का अंतिम लीग मैच, 'जो जीते सो मीर' यानी टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से दो-दो हाथ करने के लिए टिकट पाने का होगा। एक कठोर सच यह भी है कि धोनी की सेना के लिए मुकाबला किसी तेजाबी परीक्षण से कम नहीं।
जेम्स हेडली चेज का ‘थ्रिलर’ भी पीछे छूटा, जबड़े से जीत छीन ली
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
अंतिम तीन गेंदों तक जीत रही टीम हार गयी...!!
वाकई यह जेम्स हेडली चेज के किसी भी थ्रिलर को मीलों पीछे छोड़ने वाला रोमांचक द्वंद्व था। एक टीम जो हारने के सारे जतन करती नजर आयी, जिसने प्रतिपक्षी टीम के रन बनाने वाले सभी बल्लेबाजों को जमने के पहले जीवनदान देने में कोताही नहीं की।
फिक्स था भारत-इंग्लैंड का मैनचेस्टर क्रिकेट टेस्ट
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
पहले से ही स्पाट फिक्सिंग के आरोपों में संदेह की नजरों से देखे जा रहे भारतीय क्रिकेट कप्तान धोनी एक बार फिर घिर गये फिक्सिंग के आरोप में। आरोप है कि 2014 में इंग्लैंड सिरीज के मैनचेस्टर टेस्ट में टास पर 'खेल' कर दिया गया था।
हार-हार-हार और हार..! आखिर कब थमेगा सिलसिला
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
वानखड़े 'भूतो न भविष्यति' बल्लेबाजी का बना गवाह। सिक्के की उछाल में मिली मात और भोथरी गेंदबाजी ने सिरीज का फाइनल का किस तरह से नशा उखाड़ दिया, यह बताने की जरूरत नहीं और यह भी नहीं कि हर किसी का समय होता है मिस्टर धोनी। बाजुओं में जो ताकत आपके थी वह जाती रही और कितने गरीब नजर आये आप बल्ले से, यह भी दर्शकों ने देखा। हार, हार और हार यही बदा है देश के भाग्य में शायद। जो सिलसिला आस्ट्रेलिया से शुरू हुआ, वह आज तक थमा नहीं। बांग्लादेश तक ने पानी पिला दिया था तो यह महाबली द. अफ्रीका है।
‘विराट’ पारी से अंतिम मुकाबला फाइनल हो गया
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
वाकई बहुत अच्छा टास जीता धोनी ने और इसी के साथ सिरीज 2-2 की बराबरी पर आकर जीवंत हो उठी अगले रविवार को मुंबई में फाइनल लड़ंत के लिए। खेल का एक घंटे पहले आरंभ होना, ओस की लगभग नगण्य भूमिका, शाम को दूधिया प्रकाश के बीच सीम, स्विंग, स्पिन और दोहरी उछाल, टारगेट का पीछा करने वाली टीम के लिए कहीं से भी मुफीद कंडीशन नहीं कही जा सकती थी।
हार का ठीकरा सेनापति पर तो जीत का श्रेय भी उसी को
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
सुनील चतुर्वेदी की समस्या यह है कि वह बोर्ड प्रबंधन के अंग है। न तो वह खिलाड़ी हैं और न ही समालोचक। सुनील को हर शब्द नाप तौल कर लिखना होता है। उनके पास हम जैसी आजादी नहीं है। सुनील भाई आपने संतोष सूरी के कमेंट के संकेत को शायद अच्छी तरह समझा होगा। आप दूसरों के लिए जो करते हो वही दूसरा आपके साथ करेगा। यही जमाने की रीत है भाई।
माही तुम कब जाओगे
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
हर कोई यही पूछ रहा है-माही तुम कब जाओगे? धोनी कहते है, 'अश्विन की चोट ने हराया.. मेरी गलती कि फिनिश नहीं कर सका.. गेंदबाजों ने रन लुटा दिए'..