Tag: Dr Ved Pratap Vaidik
हिंदुत्व में अनुभव व तप का अनादर!
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
भाजपा के असली निर्णायक मंडल से अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का निष्कासन किस बात का सूचक है? भाजपा के कार्यकर्ता और आम जनता दोनों ही असमंजस में हैं।
इस हार का मतलब क्या है?
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
चार राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा की वैसी दुर्गति तो नहीं हुई, जैसी उत्तराखंड में हुई थी याने कोई राज्य ऐसा नहीं है, जहाँ भाजपा या उसकी सहयोगी पार्टी जीती न हो।
मुख्यमंत्रियों की मान-रक्षा
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी कार्यक्रमों में आजकल बड़ा मजेदार नजारा देखने को मिलता है। वह चाहे जहाँ जाये, चाहे हरियाणा, महाराष्ट्र या झारखंड वहाँ के मुख्यमंत्रियों को तो शामिल होना ही पड़ता है।
अदालतों से अंग्रेजी हटे
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
भारत को आजाद हुए 67 साल हो गये लेकिन हमारी न्याय-व्यवस्था अभी भी गुलामी की शिकार है। एक वकील ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और उसमें माँग की है कि सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों में अब राजभाषा हिंदी का प्रयोग होना चाहिए।
बिहारी नेताओं का वाग्विनोद
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
भारत की राजनीति में नेता लोग एक दूसरे पर इतने तीखे और भद्दे प्रहार करते हैं कि टीवी देखने वालों और अखबार पढ़ने वाले करोड़ों लोगों का मजा किरकिरा हो जाता है।
सीतापट के दलितों पर जुल्म
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
इंदौर से लगे हुए शहर महू के पास एक गाँव है, जिसका नाम है- सीतापट! इस गाँव में कुल एक हजार लोग रहते हैं। इनमें से आठ सौ उच्च जाति के हैं और 200 दलित!
मोदी की भावना को समझें
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह-कारगिल में जो कुछ कहा, उसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने भारत-पाक मैत्री के विरुद्ध शंखनाद कर दिया है। यह हो सकता है कि उनके बयान पर पाकिस्तान की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया हो।
मोहन भागवत की चेतावनी
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक श्री मोहन भागवत ने कल भुवनेश्वर में जो कहा, वह सच तो है ही लेकिन वह एक चेतावनी भी है। इसका बड़ा महत्व है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के पीछे असली ताकत संघ के स्वयंसेवकों की ही है।
रेखा और सचिन के बहाने
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
सिने तारिका रेखा और क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का क्या दोष है? उन पर हमारे नेता लोग फिजूल ही बरस रहे हैं। उन्हें वे धमका रहे हैं कि आप लोग राज्य सभा के सदस्य हैं, लेकिन उसके सत्रों में आपकी न्यूनतम उपस्थिति भी नहीं होती।
संसदीय कुंभकर्ण की करवट
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
कांग्रेस को क्या हो गया है? वह एक स्वस्थ विपक्ष की भूमिका क्यों नहीं निभाना चाहती है? संसद का यह पूरा सत्र ही उसने लगभग बर्बाद कर दिया। उसने ऐसे-ऐसे विधेयकों का विरोध किया, जो उसने स्वयं सत्ता में रहते हुए पेश किए थे।