Tag: Dr Ved Pratap Vaidik
मोदी की एतिहासिक भाषाई पहल
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही वह चमत्कारी काम कर दिया, जो अब तक भारत का कोई प्रधानमंत्री नहीं कर सका। उन्होंने पड़ोसी देशों के नेताओं को भारत तो बुलाया ही, उनसे हिंदी में ही बात की। ये दोनों काम ऐसे हैं, जिनके लिए मैं पिछले कई वर्षों से लड़ रहा हूँ।
दूसरे मनमोहन की तलाश!
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
यदि नवीन पटनायक और जयललिता पहली मुलाकात में ही नरेंद्र मोदी के साथ गठबंधन में बंध जाते तो उनके राज्यों में उनकी काफी हैठी होती।
बड़ी कुर्सी और बड़ा आदमी!
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी रोज ही एक-दो काम ऐसे कर रहे हैं कि जिनकी सराहना किए बिना नहीं रहा जा सकता। मोदी का निर्देश था कि मंत्री और सांसद अपने रिश्तेदारों को निजी सहायक बनाना बंद करें। इस निर्देश का तत्काल असर हुआ।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध पहला कदम
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने काम-काज की शुरुआत में जिस मुस्तैदी और मौलिकता का परिचय दिया है, उससे बहुत आशाएँ बंध रही हैं। दक्षेस-राष्ट्रों का सम्मेलन, काले धन के लिए जाँच दल, रेल दुर्धटना पर रेल मंत्री को दौड़ाना, हेरात के हमले पर सीधी बात करना आदि वे कदम हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि मोदी सरकार कई बड़े चमत्कारी काम कर सकती हैं।
भारत-पाक जुगलबंदी
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी का शपथ-समारोह जितना सफल और सार्थक रहा, अब से पहले किसी भी प्रधानमंत्री का नहीं रहा। मंत्रिमंडल के निर्माण पर तो मैं कल लिख ही चुका हूँ लेकिन मुझे डर था कि दक्षेस राष्ट्रों के नेताओं के आगमन पर कोई अप्रिय घटना न हो जाये। इसीलिए जैसे ही मियां नवाज शरीफ दिल्ली पहुँचे, टीवी चैनलों ने कहना शुरू कर दिया कि वे शपथ-समारोह के पहले ही पत्रकार-परिषद करने की अनुमति चाहते हैं।
शपथः कुछ दूसरे पहलू
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का यह ऐतिहासिक दिन है, जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके मंत्रिमंडल ने भी। इस मंत्रिमंडल में उनके संसदीय दल का लगभग सही प्रतिनिधित्व हुआ है लेकिन फिर भी मोटी-मोटी कुछ कमियाँ भी दिखायी पड़ती हैं।
दक्षेस-राष्ट्रों को निमंत्रण
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ-समारोह में दक्षेस-राष्ट्रों के नेताओं को आमंत्रित करके पड़ौसी देशों को मैत्री का नया संदेश दिया है। भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने अब से पहले ऐसी पहल नहीं की है।
मोदी की छवि में चार चाँद
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रधानमंत्री पद के लिए नेता पद स्वीकार करते समय नरेंद्र मोदी ने संसद के केंद्रीय कक्ष में जो भाषण दिया, उसने मोदी की छवि में चार चाँद लगा दिए हैं।
माँ-बेटा कांग्रेस पर कृपा करें
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
कांग्रेस ने इस चुनाव में जैसी मार खाई, क्या पहले कभी खाई? लेकिन कोई भी मुँह क्यों नहीं खोल रहा है? क्योंकि इस पार्टी के बड़े-बड़े नेपोलियन बोनापार्ट पिछले 40-45 साल में बौने हो गये हैं।
देता है बोसा, बगैर इल्तिजा किए!
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
न भाजपा ने कहा और न ही नरेंद्र मोदी ने! दोनों ने ही नहीं कहा कि हमें आपसे संबंध बढ़ाने हैं लेकिन फिर भी ओबामा प्रशासन बधाइयाँ भेज रहा है। भारत की दाढ़ी सहला रहा है। मुझे गालिब की एक पंक्ति इस मौके पर याद आ रही है।