Tag: Elections
भाजपा में स्वामी प्रसाद, कितनी मजबूरी-कितनी रणनीति

संदीप त्रिपाठी :
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती पर आरोपों की झड़ी लगा कर 22 जून को पार्टी छोड़ने वाले उनके विश्वस्त रहे स्वामी प्रसाद मौर्य आखिरकार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। यानी डेढ़ महीने की मशक्कत के बाद स्वामी प्रसाद को भाजपा में जगह मिली।
शुभ नहीं हैं 2016 के संकेत!

कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार
बिहार में सबकी साँस अटकी है! क्योंकि इस चुनाव पर बहुत कुछ अटका और टिका है! राजनीति से लेकर शेयर बाजार तक सबको बिहार से बोध की प्रतीक्षा है! किसी विधानसभा चुनाव से शेयर बाजार इतना चिन्तित होगा, कभी सोचा नहीं था। लेकिन वह इस बार वह बहुत चिन्तित है। इतना कि देश की तीन बड़ी ब्रोकरेज कम्पनियों ने खुद अपनी टीमें बिहार भेजीं! मीडिया की चुनावी रिपोर्टों पर भरोसा करने के बजाय खुद धूल-धक्कड़ खा कर भाँपने की कोशिश की कि जनता का मूड क्या है? क्यों भला?
बिहार चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए पुरस्कार लौटा रहे हैं लेखक

अभिरंजन कुमार :
किसी दिन पुरस्कार लौटाने के लिए यह जरूरी है कि आज पुरस्कार बटोर लो। पुरस्कार मिले तो भी सुर्खियाँ मिलती हैं। मिला हुआ पुरस्कार लौटा दो तो और अधिक सुर्खियाँ मिलती हैं। समूह में पुरस्कार लौटाना चालू कर दो तो क्रांति आ जाती है। ऐसी महान क्रांति देखकर मन कचोटने लगा है। काश...
बिहार चुनाव : विकास, गोकसी और आरक्षण का मुद्दा है भारी

संदीप त्रिपाठी :
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान होने में एक हफ्ते हैं। बीते महीने में विश्लेषक यह आकलन करते रहे कि दोनों प्रमुख चुनावी गठबंधनों, राजद + जदयू + कांग्रेस के महागठबंधन और भाजपा + लोजपा + रालोसपा + हम के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच बाजी किसके हाथ रहेगी। और यह भी कि तारिक अनवर के नेतृत्व में सपा + राकांपा + जन अधिकार पार्टी (पप्पू यादव) + समरस समाज पार्टी (नागमणि) + समाजवादी जनता पार्टी (देवेंद्र यादव) + नेशनल पीपुल्स पार्टी (पीए संगमा) का गठबंधन धर्मनिरपेक्ष समाजवादी मोर्चा इन दोनों प्रमुख गठबंधनों में कहाँ किसके वोटबैंक में सेंध लगायेगा। और यह भी कि हैदराबाद की राजनीतिक पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बिहार के सीमांचल क्षेत्र में क्या गुल खिला पायेंगे और इससे किसको नुकसान और किसको फायदा होगा और इनके पीछे कौन है।
उप्र चुनाव तक जनता परिवार का विलय मुश्किल

जनता परिवार के छह धड़ों का क्या विलय होगा? विलय की राह में दिक्कतें क्या हैं? विलय अगर हुआ तो कब तक संभावना है? बिहार में जनता दल यू और राष्ट्रीय जनता दल में गठबंधन होगा या नहीं और क्यों? गठबंधन का चुनावों पर क्या असर होगा। देश मंथन की ओर से राजीव रंजन झा ने वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अजय उपाध्याय से इन मुद्दों पर बात की। पेश हैं इस बातचीत के कुछ अंश...
भाजपा के लिए कठिन परीक्षा हैं उत्तर प्रदेश और बिहार के चुनाव

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति का सिरमौर बनकर भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र की सत्ता पर तो काबिज हो गयी है पर अब इन दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में उसकी साख दाँव पर है।



संदीप त्रिपाठी :
कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार
अभिरंजन कुमार :
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :





