Tag: Environment
प्रदूषण नहीं, अपनी जवाबदेही से बचने का शोशा
संदीप त्रिपाठी :
देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए तारीख के हिसाब से वाहन चलाने का नियम बनाये जाने से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या वाकई दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण रोकने के प्रति गंभीर है? क्या दिल्ली सरकार ने यह फैसला पूरी ईमानदारी से सभी संभावित विकल्पों पर भली-भांति विचार करने के बाद लिया है? या क्या केवल अदालत को दिखाने के लिए एक ऊटपटांग फैसला दिल्ली की जनता पर थोप दिया गया है?
आभासी सांप्रदायिकता के खतरे
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
जिस तरह का माहौल अचानक बना है, वह बताता है कि भारत अचानक अल्पसंख्यकों (खासकर मुसलमान) के लिए एक खतरनाक देश बन गया है और इसके चलते उनका यहाँ रहना मुश्किल है। उप्र सरकार के एक मंत्री यूएनओ जाने की बात कर रहे हैं तो कई साहित्यकार अपने साहित्य अकादमी सम्मान लौटाने पर आमादा हैं। जाहिर तौर पर यह एक ऐसा समय है, जिसमें आयी ऐसी प्रतिक्रियाएँ हैरत में डालती हैं।
इस गरमी पर एक छोटा-सा सवाल!
कमर वहीद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार:
लोग गरमी से मर रहे हैं। अब तक अठारह सौ से ज्यादा लोग मर चुके हैं। खबरें छप रही हैं। लोग मर रहे हैं। सरकारें मुआवजे बाँट रही हैं।
पर्यावरण बचाने का संदेश देती है बिलिमोरा वघई लाइन
विद्युत प्रकाश मौर्य :
अंबिका नदी के तट पर बसे नवसारी जिले के शहर बिलिमोरा से दिन भर में दो ही नैरोगेज रेलगाड़ियाँ वघई के लिए खुलती हैं, जो आपको गुजरात के एकमात्र हिल स्टेशन सापूतारा की ओर ले जाती हैं।