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कस्तूरबा गाँधी का घर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बापू का घर देख लिया तो अब चलिए बा यानी बापू की पत्नी कस्तूरबा गाँधी का घर देखने चलें। जब आप पोरबंदर में बापू का घर देखने जाते हैं तो बापू की पत्नी कस्तूरबा गाँधी का घर देखना नहीं भूलें। बा का घर कीर्ति मंदिर के ठीक पीछे है। कीर्ति मंदिर देख लेने के बाद इसके पिछवाड़े से ही बा के घर जाने का रास्ता है। रास्ते में घर जाने के लिए मार्ग प्रदर्शक लगा हुआ है।
रिश्तों को समय दीजिए
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
मेरे दफ्तर के एक साथी को कुछ महीने पहले पिता बनने का सौभाग्य मिला है।
तैयारी खुशियों की
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
वैसे तो माँ रोज पूरे घर को खूब साफ करती थी, लेकिन दिवाली के मौके पर वो एक-एक चीज को उठा कर साफ करती। घर के सारे पँखें साफ करती, पूरे घर को धोती।
आ अब लौट चलें
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
सबको एक दिन घर लौटना होता है। भाग्यशाली होते हैं वो लोग, जिन्हें घर के बारे में पता होता है। मैं तो बहुत से लोगों से मिला हूँ, उन्हें पता ही नहीं कि उनका घर कहाँ है। वो हर रात सोते हैं, फिर सुबह होते ही भटकने लगते हैं, अपने घर की तलाश में। वो जिन्दगी जीने की तैयारी में अपने हिस्से की ढेर सारी जिन्दगी जाया कर चुके हैं।
रामेश्वरम में है डॉक्टर कलाम का घर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
रामेश्वरम चार धामों में से एक तो है ही, पर अब रामेश्वरम में एक और नया तीर्थ बन चुका है। वह पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का घर। डॉ. कलाम का जन्म 1931 में रामेश्वरम से आगे धनुषकोडी में मछुआरों की बस्ती में हुआ था।
मृत्यु घर वापसी?
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
माँ को पता था कि वो अब इस संसार से चली जाएगी। लेकिन माँ विचलित नहीं थी। उसे मृत्यु का खौफ नहीं था। माँ मुझे समझाती थी कि मौत के बाद का संसार किसी को नहीं पता, लेकिन मैंने ऐसा महसूस किया है कि यह घर वापसी की तरह है।
मृत्यु घर वापसी?
98.88% पर फेल
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
कभी सोचता हूँ कि सही टाइम पर धरती पर आ गये, और बहुत पहले ही स्कूल की शिक्षा से पार हो गये, इज्जत बच गयी।