Tag: Issue
हम-दर्दों को दूर भगाओ, गम-दर्दों से राहत पाओ।
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
भारत जैसे जटिल देश की राजनीति भी बेहद शातिराना तरीके से खेली जाती है। इस ग्लोबल देश में व्यूह रचना¢एँ अब इस तरह से होने लगी हैं कि बिहार चुनाव को प्रभावित करना हो, तो दादरी में एक घटना करा दो और उसे राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बना दो। एक आदमी बलि का बकरा बनेगा, तो हजारों-लाखों नेताओं-कार्यकर्ताओं-पूंजीपतियों-ठेकेदारों की देवियाँ और अल्लाह खुश हो जाएंगे। एक अखलाक को बलि का बकरा बनाने से आपको मालूम ही है कि कितनों की देवियाँ और अल्लाह उनपर मेहरबान हो गये!
वायदों की बौछार, पर धन का पता नहीं
राजेश रपरिया :
आज मतदान के प्रथम चरण के साथ बिहार का भाग्य इलेक्ट्रॉनिक मतपेटिकाओं में बंद होना शुरू हो चुका है। नतीजे एनडीए के पक्ष में आयें या नीतीश-लालू-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में, पर इस बार बिहार चुनाव निष्कृष्टता और मर्यादाहीनता की सभी सीमाएँ लांघ चुका है। सिद्धांतहीनता अपने चरम पर है। चुनावों में इतना वैमनस्य कभी देखने में नहीं आया, जो इस बार बिहार में देखने को मिल रहा है। मतदान नजदीक आने के साथ सारे मुद्दे गुल हो गये हैं और शुद्ध रूप से जातियों के गणित पर यह चुनाव आ कर टिक गया है।
गोकसी के बहाने : परंपरा नहीं, चरित्र है हिंदुत्व का आधार
संदीप त्रिपाठी :
बीते कुछ दिनों से गोकसी के मुद्दे पर हो रहे हँगामे और तमाम नकारात्मक बातों के बीच दो बयान बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये बयान हैं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी और दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी के। इन दोनों ही प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने देश में गोकसी पर रोक लगाने की पैरवी की है।
बिहार चुनाव : विकास, गोकसी और आरक्षण का मुद्दा है भारी
संदीप त्रिपाठी :
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान होने में एक हफ्ते हैं। बीते महीने में विश्लेषक यह आकलन करते रहे कि दोनों प्रमुख चुनावी गठबंधनों, राजद + जदयू + कांग्रेस के महागठबंधन और भाजपा + लोजपा + रालोसपा + हम के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच बाजी किसके हाथ रहेगी। और यह भी कि तारिक अनवर के नेतृत्व में सपा + राकांपा + जन अधिकार पार्टी (पप्पू यादव) + समरस समाज पार्टी (नागमणि) + समाजवादी जनता पार्टी (देवेंद्र यादव) + नेशनल पीपुल्स पार्टी (पीए संगमा) का गठबंधन धर्मनिरपेक्ष समाजवादी मोर्चा इन दोनों प्रमुख गठबंधनों में कहाँ किसके वोटबैंक में सेंध लगायेगा। और यह भी कि हैदराबाद की राजनीतिक पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बिहार के सीमांचल क्षेत्र में क्या गुल खिला पायेंगे और इससे किसको नुकसान और किसको फायदा होगा और इनके पीछे कौन है।
इस गरमी पर एक छोटा-सा सवाल!
कमर वहीद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार:
लोग गरमी से मर रहे हैं। अब तक अठारह सौ से ज्यादा लोग मर चुके हैं। खबरें छप रही हैं। लोग मर रहे हैं। सरकारें मुआवजे बाँट रही हैं।
खेती के जरिये ही साकार होगा अच्छे दिन का सपना
श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार
26 मई 2016 नरेन्द्र मोदी सरकार और देश के 50 करोड़ माध्यम वर्ग के लिए खास होगा। मोदी के लिए इसलिए क्योंकि इसी दिन एक साल पहले वो सत्ता पर काबिज हुए थे और माध्यम वर्ग के लिए भी खास इसलिए कि उसने मोदी से अपने लिए अच्छे दिन लाने की उम्मीद से उन्हें सत्ता सौंपी थी।